पलामू
झारखंड के पलामू जिले में 11 और 12 फरवरी को आदिवासी विकास महाकुंभ मेला का आयोजन किया जाएगा। झारखंड सरकार ने 2024 में इस मेले को राजकीय मेला घोषित किया है। यह आयोजन पलामू के सदर प्रखंड के दुबियाखाड़ में होगा। पलामू जिला प्रशासन ने मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बार झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर समेत अन्य मंत्री और अधिकारी विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस मेले में करोड़ों रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया जाएगा। साथ ही, स्थानीय ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ दिए जाएंगे।
पलामू के उप विकास आयुक्त शब्बीर अहमद ने बताया कि मेले में सरकारी योजनाओं के कई स्टॉल लगाए जाएंगे, जिससे ग्रामीणों को योजनाओं से जुड़ी सभी जानकारियां मिलेंगी और वे इनका सीधा लाभ उठा सकेंगे।
इतिहास और महत्व
आदिवासी विकास महाकुंभ मेला 1990 के दशक से आयोजित हो रहा है। लंबे समय से इसे राजकीय मेला घोषित करने की मांग उठ रही थी, जिसे 2024 में हेमंत सोरेन सरकार ने पूरा किया। यह मेला चेरो वंश के महान शासक राजा मेदिनीराय की याद में हर साल आयोजित किया जाता है।
इस मेले की शुरुआत झारखंड के पहले विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह रामधारी की पहल पर हुई थी। अविभाजित बिहार के दौरान, जब यह मेला प्रारंभिक दौर में था, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी इसमें शामिल हुए थे।
क्यों है यह मेला खास?
• झारखंड सरकार ने इसे राजकीय मेला घोषित किया है।
• विभिन्न सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ ग्रामीणों को मिलेगा।
• राजा मेदिनीराय की ऐतिहासिक विरासत को संजोने और बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा।
• यह मेला झारखंड के आदिवासी समुदाय और उनकी संस्कृति को सशक्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। इस साल का मेला सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के विकास और सरकारी लाभ वितरण के नजरिए से भी बेहद महत्वपूर्ण होगा।