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Ranchi : हर दौर में प्रासंगिक रहेंगे बिनोद बाबू के विचार: सुदेश कुमार महतो

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रांचीः

आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि झारखंड आंदोलन के प्रणेता धरतीपुत्र बिनोद बिहारी महतो के विचार हर दौर में प्रासंगिक बने रहेंगे। उनकी सोच और परिकल्पना के आधार पर संगठित, शिक्षित, स्वाभिमानी समाज के निर्माण के लिए काम करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।  उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन के योद्धा बिनोद बाबू की हमेशा यही सोच रही कि शोषित, पीड़ित को हक और अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखना होगा। इसके लिए बिनोद बाबू ने गांव-गांव में साधारण आदमी को अपने अधिकार और स्वाभिमान के लिए आगे बढ़ने और लड़ने की प्रेरणा दी। आजसू प्रमुख ने कहा कि हम सिर्फ तारीख पर झारखंडी शख्सियत को याद नहीं करते। हर दिन हर पल बिनोद बिहारी महतो की सोच, विचार को केंद्र में रखकर झारखंड का नवनिर्माण चाहते हैं।  बिनोद बाबू ने 'लड़ो और पढ़ो' का नारा दिया था। उस नारे के मायने हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य  निर्माण के 22 साल हो गए। हम सभी के सामने आत्मावलोकन और मंथन करने का समय है कि बिनोद बाबू के सपने का झारखंड और उसका समाज आज किस मुकाम पर खड़ा है।

 

हरमू स्थित आजसू पार्टी मुख्यालय में अखिल झारखण्ड महिला संघ द्वारा आयोजित प्रखंड सम्मेलन  को संबोधित करते हुए मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि झामुमो महागठबंधन की सरकार महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने का दंभ तो भरती है लेकिन पिछले बत्तीस महीनों के कार्यकाल में उनके उत्थान हेतु इन्होंने एक भी कार्य नहीं किया। आज अपने ही राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं। पुलिस फाइलों के मुताबिक इस साल के मई महीने तक यानी 5 महीने में बलात्कार की 666 घटनाएं हुई हैं। पिछले 29 महीनों  (2020 से 2022 के मई तक) में राज्य में दुष्कर्म की 4079 घटनाएं हुई है। नाबालिग बच्चों के साथ दुष्कर्म, हत्या और प्रताड़ना की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। अपराधियों के हौसले बुलंद है, महिलाएं भयभीत हैं। ये आंकड़े साबित करते हैं कि राज्य सरकार अपराध एवं अपराधियों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से विफल रही है।

 

झारखंड आंदोलन के अगुआ नेतृत्वकर्ता स्व. बिनोद बिहारी महतो जी की जयंती पर राज्य के सभी 260 प्रखंडों एवं नगर इकाइयों में शुक्रवार 23 सितंबर को आजसू पार्टी की अनुषंगी इकाई अखिल झारखण्ड महिला संघ ने प्रखंड सम्मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर करीब पचास हजार महिलाओं ने स्व. बिनोद बिहारी महतो के मूल मंत्र "पढ़ो और लड़ो" को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि पिछले बत्तीस महीनों के कार्यकाल से यह साबित हो चुका है कि झामुमो एवं उनकी सहयोगी दलों ने महिलाओं को वोट के लिए इस्तेमाल किया। चुनावी रैलियों और घोषणपत्रों ने इन्होंने महिलाओं के हक-अधिकार एवं उत्थान के लिए बड़े-बड़े वादें किए, लेकिन सत्ता में आते ही ये लोग उन वादों को भूल गए। 

 

 

क्या हुआ इन वादों का -

अखिल झारखण्ड महिला संघ की महिला नेत्रियों ने प्रखंड सम्मेलन के दौरान झामुमो महागठबंधन सरकार द्वारा महिलाओं के लिए किए गए वादों की याद दिलाई। महिलाओं को सरकारी नौकरी में 50 प्रतिशत का आरक्षण, प्रत्येक गांव में महिला बैंक की स्थापना, गरीब परिवार की महिलाओं को ₹2000 प्रतिमाह चूल्हा खर्च, पंचायत सेवक, एएनएम, शिक्षिका एवं होम गार्ड जैसे सभी रिक्तियों को तत्काल भरते हुए भारी संख्या में महिलाओं को स्थायी नौकरी, प्राथमिक से लेकर पीएचडी तक सभी जाति एवं धर्म की लड़कियों को निःशुल्क शिक्षा, हर अनुमंडल मुख्यालय में सभी सुविधाओं के साथ महिला महाविद्यालय की स्थापना ये तमाम विषय हैं, जो वर्तमान सरकार के मेनिफेस्टो में थे। लेकिन सत्ता में आते ही सरकार इन वादों पर मौन हो गई है। इससे यह साफ साबित होता है कि इनकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है।

• राज्य में महिला आयोग का गठन तक नहीं हुआ -

हेमंत सरकार की उदासीनता के कारण राज्य में अभी तक महिला आयोग का गठन नहीं हुआ, लोकायुक्त का पद भी महीनों से खाली है। यह सरकार की सोच तथा महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है। 

• जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाए सरकार

प्रखंड सम्मेलन के दौरान राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में लिए गए स्थानीय नीति तथा आरक्षण के विषय पर भी महिला नेत्रियों ने विस्तृत चर्चा की। इस दौरान जातीय जनगणना पर आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो द्वारा जातीय जनगणना को लेकर दिए गए वक्तव्य को दुहारते हुए उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना इस राज्य की मौजूदा जरुरत है। जातीय जनगणना से ही पिछड़ों, दलितों एवं आदिवासियों के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक का मूल्यांकन संभव है तथा आबादी अनुसार आरक्षण सुनिश्चित करने में भी जातीय जनगणना की भूमिका अहम है। राज्य सरकार अतिशीघ्र सर्वदलीय बैठक बुलाकर, इस दिशा में आगे बढ़े, यही आजसू पार्टी की मांग है।
16 अक्टूबर को अखिल झारखण्ड महिला संघ का सभी जिलों में जिला सम्मेलन तथा 6 नवंबर को महिला प्रदेश अधिवेशन होना तय है।