द फॉलोअप डेस्क
हजारीबाग शहर की एक प्रमुख सड़क अब शहीद कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी के नाम से जानी जाएगी। शनिवार को पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने PWD चौक से लेकर हॉली क्रॉस स्कूल तक की सड़क का नाम "शहीद कैप्टन करमजीत सिंह मार्ग" रखने की औपचारिक घोषणा की।
इस अवसर पर हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह, सदर विधायक प्रदीप प्रसाद, जिले के वरीय पदाधिकारी, गणमान्य नागरिकों के साथ-साथ शहीद के परिजन और बड़ी संख्या में आम लोग उपस्थित रहे। समारोह भावनात्मक क्षणों से भरा रहा जब लोगों ने खड़े होकर शहीद को श्रद्धांजलि दी और ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद करमजीत अमर रहें’ के नारे गूंजे।
मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा, “शहीदों को याद रखना समाज की जिम्मेदारी है। करमजीत की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। यह नामकरण, केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उनके सम्मान और त्याग का स्थायी प्रतीक है।” उन्होंने यह भी बताया कि शहादत के बाद तत्कालीन उपायुक्त नैंसी सहाय से कुछ वादे किए गए थे, जिनमें से कुछ पूरे हो चुके हैं और बाकी कार्य वर्तमान उपायुक्त के समक्ष रखे जाएंगे ताकि उन्हें भी जल्द पूरा किया जा सके।
सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने राज्य सरकार और मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा, “अब यह मार्ग न केवल शहरवासियों के लिए एक रास्ता होगा, बल्कि यह हर दिन उन्हें एक शहीद के बलिदान की याद दिलाएगा। हजारीबाग के इतिहास में यह कदम स्वर्णाक्षरों में दर्ज होगा।
विगत 12 फरवरी 2019, जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में LOC पर हुए एक IED विस्फोट में कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी समेत दो जवान शहीद हो गए थे। करमजीत सिंह हजारीबाग के जुलू पार्क के निवासी थे। वे अजिनंदर सिंह बक्शी और नीलू बक्शी के इकलौते पुत्र थे। उनका पार्थिव शरीर 13 फरवरी को हजारीबाग लाया गया था, और तभी आम जनमानस ने सरकार से उनकी स्मृति में किसी सार्वजनिक स्थान का नामकरण करने की मांग की थी, आज वह वादा पूरा हुआ।
वहीं शहीद करमजीत सिंह के मित्र सच्चा चेहरे भाई आनंद राज सिंह ने कहा कि मित्र की कर्तव्यनिष्ठा व पराक्रम देखकर हर एक दिन सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है मित्र भाई सहोदर करमजीत सिंह हम लोगों को भले छोड़कर चला गया हो लेकिन उसकी यादें उसका शौर्य आज भी हम लोगों के दिलों में जिंदा है।
कांग्रेसी वरिष्ठ नेता मुन्ना सिंह ने कहा कि हजारीबाग के शहीद करमजीत सिंह अपने परिवार शहर के साथ-साथ पूरे झारखंड का नाम रोशन कर गए आज इस नामकरण से उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित होगी भारत माता के ऐसे वीर सपूत को मेरा शत-शत नमन। अब जब हर राहगीर इस मार्ग से गुजरेगा, तो उसे याद रहेगा, यह रास्ता एक ऐसे बहादुर के नाम है जिसने अपने प्राण देश के लिए न्योछावर कर दिए।