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रांची : बीमार बच्ची का तांत्रिक ने किया झाड़फूंक, अगरबत्ती से जलाया पूरा हाथ

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रांचीः

21वीं सदी में भी लोगों पर अंधविश्वास हावी है। ग्रामीण इलाकों में लोग विशेष रूप से अंधविश्वास का शिकार बन जाते हैं। ओझा-गुनी और झाड़फूंक के चक्कर में कइयों ने अपनी जिंदगी तबाह की है। ऐसा ही मामला चतरा से सामने आया है। दरअसल, चतरा जिले के संभेर टोला के पिपराडीह निवासी धीरेन गंझू की बेटी कलावती रिम्स में इलाजरत है। बच्ची का हाथ पूरी तरह से जल गाय है। 

तांत्रिक के झांसे में आ गया परिवार
धीरेन गंझू ने बताया कि कुछ दिनों पहले उसकी बेटी बीमार पड़ी तो उसका इलाज कराया गया। हालांकि, डाक्टरी दवा का असर नहीं हुआ इसलिए झाड़-फूंक का सहारा लिया। एक तांत्रिक मो. वाहिद ने उसे ठीक कर देने का दावा किया। जिसके बाद तांत्रिक ने उसे अपने घर पर बुलाया। वहां उसने पूरे तामझाम के साथ लड़की का इलाज करना शुरू कर दिया। अगरबत्ती से हाथ जलाए। 

 

तांत्रिक ने अगरबत्ती से जला दिया हाथ
धीरेन ने बताया कि 3 दिनों तक उस कमरे में तांत्रिक ने लड़की के सिवाय किसी को प्रवेश करने नहीं दिया। बाद में जब तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ तो तीसरे दिन अपनी बेटी को वहां से ले जाने की बात कहने लगा। जिसके बाद तांत्रिक ने विरोध किया। साथ ही कहा कि ठीक है आज देख लेते हैं। उसने तीसरे दिन अगरबत्ती की लौ से लड़की के हाथ जला दिये।

 

ल़ड़की की मानसिक स्थिति भी बदली
तांत्रिक के झाड़ फूंक से लड़की की मानसिक हालत खराब है। कलावती की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। हालांकि डाक्टरी इलाज जारी है। वो फिलहाल कुछ भी कहने सुनने के लायक नहीं है। उनके माता पिता बेहद परेशान हैं। उन्होंने कहा कि तांत्रिक के चक्कर में पड़ कर उनकी बिटिया की तबियत और भी खराब हो गई है।