भक्ति कुमार पाण्डेयः
झारखंड राज्य का एकमात्र जिला है साहिबगंज जहां से गंगा बहती है। कुछ लोगों के लिए गंगा नदी एक वरदान है तो कुछ के लिए अभिशाप। बता दें कि प्रत्येक साल साहिबगंज जिला में बाढ़ की वजह से सैकड़ों परिवार का आशियाना उजर जाता है। साथ ही भुखमरी की नौबत आ जाती है। करोड़ों रुपए का संपत्ति का नुकसान भी होता है और इस वर्ष जिला में गंगा नदी उफान में है और गंगा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। पिछले 2 से 3 दिनों से गंगा नदी के जल स्तर में काफी बढ़ोतरी होने से यहां बाढ़ की भयावह स्थिति बनती जा रही है और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वह अपने मवेशियों के साथ लगातार पलायन कर रहे हैं।
बांस का बनाया पुल
दियारा क्षेत्र के लगभग दो दर्जन गांव प्रभावित हैं गंगा के जलस्तर बढ़ने से कई स्थानों पर सड़कों पर बाढ़ का पानी आ चुका है। जिससे कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका है। लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। इन इलाकों में खासकर किशन प्रसाद और लाल बथानी पंचायत का इलाका प्रभावित है। बता दें कि सरकार की आस फेल होते देख कुछ ग्रामीणों ने मिलकर बांस से पुल का निर्माण कर डाला जिससे सैकड़ों ग्रामीण पैदल या दो पहिया वाहन से आवागमन कर रहे हैं। परन्तु बाढ़ की पानी घुसने से ग्रामीणों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो चुकी है। बता दें कि अनाज को लाने जाने के दौरान कई ट्रैक्टर पानी के कारण फंस जाते हैं और किसी अन्य वाहन के सहयोग से निकालने में भारी परेशानी होती है। साथ ही तैरकर पार करने में कई बच्चे भी डूब चुके हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव के दौरान सभी जनप्रतिनिधि वोट मांगने के लिए यहां पहुंचते हैं। वहीं जीत जाने के बाद चेहरा तक दिखाने नहीं आते हैं। कभी अगर आते भी हैं तो वादा कर कर लौट जाते हैं परंतु वादा को पूरा नहीं करते हैं। कई बार विधायक और सांसद से क्षेत्र में पुल बनवाने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन पुल का स्वीकृति अब तक नहीं मिली है। जिसका दंश हर साल ग्रामीणों को झेलना पड़ता है। इस इलाके को जोड़ने वाली किशन प्रसाद का एक पुल वर्षों से क्षतिग्रस्त हो चुका है। बावजूद इसके प्रशासन और जनप्रतिनिधि के द्वारा किसी ठीक करवाने की दिशा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है। ऐसे में बाढ़ का पानी इन इलाकों में आ जाने से लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं दियारा क्षेत्र की इन इलाकों में बाढ़ के पानी से किसानों की हजारों एकड़ जमीन पर लगी गन्ना मक्का धान सब्जी की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है प्रशासन की ओर से कोई राहत सामग्री का वितरण नहीं किया जाने से यहां के इलाकों में ग्रामीण खासे नाराज दिख रहे हैं लोगों ने जल्द से जल्द शिविर और राहत सामग्री के साथ-साथ आवागमन का साधन भी प्रदान करने का आग्रह किया है ,