द फॉलोअप डेस्क
लोक आस्था के महापर्व छठ का आज यानी 8 नवंबर को दूसरे दिन के अर्घ्य के साथ समापन हो गया। इस चार दिवसीय पर्व के आखिरी दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है अर्थात् उगते हुए सूर्य की पूजा की जाती है। सूर्य उपासना का यह पावन पर्व चार दिनों तक चलता है, जिसमें पहला अर्घ्य कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को दिया जाता है। जबकि दूसरा अर्घ्य छठ पर्व के अंतिम दिन यानी कार्तिक मास की सप्तमी तिथि को दिया जाता है। इस पर्व में व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं और अर्घ्य के दौरान सुबह और शाम के समय पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य की आराधना-उपासना करते हैं। इसके बाद श्रद्धालु लोटे में जल और दूध भरकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। इस पर्व के प्रति पूर्वांचल के लोगों में अपार श्रद्धा है। सीएम हेमंत ने राज्यवासियों को दी छठ पूजा की शुभकामनाएं
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी महापर्व के अवसर पर अर्घ्य देने छठ घाट पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की अलौकिक परंपरा सदियों से चली आ रही है। छठ महापर्व प्रकृति, कृतज्ञता, सामाजिक और पारिवारिक एकता का प्रतीक है। मैं इस अवसर पर समस्त राज्यवासियों को छठ महापर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। छठी मईया और भगवान सूर्य देव से प्रार्थना है कि वे समस्त झारखंडवासियों के कल्याण के साथ-साथ सुख, समृद्धि, खुशहाली, शांति और निरोगी काया प्रदान करें।