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फिल्म ' ये धरती हमारी ' 22 फरवरी को रिलीज के लिए तैयार, आदिवासियों पर जुल्म और संघर्ष की है कहानी

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रांची

संवैधानिक और कानूनी अधिकार के बावजूद आदिवासी समाज को जल, जंगल और जमीन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर उनपर जुल्म किए जा रहे हैं। इसी सबजेक्ट पर फोकस करते हुए साउथ फिल्म इंडस्ट्री के चर्चित एक्टर सह फिल्म मेकर आर नायारण मूर्ति ने ' ये धरती हमारी ' नाम से एक फिल्म तैयार की है जो 22 फरवरी को झारखंड के सिनेमाघरों में रिलिज होने जा रही है। इस फिल्म में मानवीय संवेदनाओं पर फोकस किया गया है। इसमें एक्शन, कॉमेडी और ट्रेजडी का भी समावेश है। खास बात है कि इस फिल्म को संवारने में झारखंड और बिहार की कई फिल्मी हस्तियों ने अहम भूमिका निभाई है। 

निर्माता आर।नारायण मूर्ति ने बताई फिल्म की खासियत

तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में आर।नारायण मूर्ति की अपनी अलग पहचान है। बेहद मृदुभाषी और डाउन टू अर्थ हैं। फिल्मों के जरिए सामाजिक न्याय और समानता की बात करते हैं। आर।नारायण मूर्ति ने झारखंडवासियों से अपील की है कि 22 फरवरी को सिनेमाघरों में फिल्म 'ये धरती हमारी' जरुर देखें। उन्होंने कहा कि यह फिल्म आदिवासियों पर शोषण और अधिकार के लिए संघर्ण पर आधारित है। आदिवासी बहुल झारखंड में फिल्म को सराहना मिलने पर आगे चलकर दूसरे राज्यों में रिलीज किया जाएगा। 

 

'बाजीगर ओ बाजीगर' के गीतकार नवाब आरज़ू का है डायलॉग 

नवाब आरज़ू मूल रुप से झारखंड के चाईबासा के रहने वाले हैं। कलम के धनी नवाब आरजू ने एक छोटे से कस्बे से निकलकर मुंबई फिल्म इंडस्टी में बड़ा मुकाम हासिल किया है। उन्होंने फिल्म 'ये धरती हमारी' की खासियत बताई। कहा कि आदिवासी समाज की समस्या और संघर्ष को जिस तरीके से दर्शाया गया है, वो इस फिल्म को खास बनाती है। इसी सब्जेक्ट पर तेलुगू भाषा में एर्रा सैंयम नाम से फिल्म रिलीज हुई थी, जो करीब एक साल तक फिल्मी पर्दे पर छाई हुई थी। आपको बता दें कि नवाब आरज़ू ने अबतक 109 फिल्मों में गाने लिखे हैं। करीब दो सौ सीरियल के टाइटल लिखे हैं। करीब 30 फिल्मों में स्क्रीन प्ले और डॉयलॉग भी लिखे हैं। सुपर हिट फिल्म बाजीगर का टाइटल सॉग और महेश भट्ट की फिल्म साथी का मशहूर गीत   ' हुई आंख नम और ये दिल मुस्कुराया ' के बोल आज भी लोग गुनगुनाते हैं। 

फिल्म ये धरती हमारी में विलेन की भूमिका टीनू आनंद के साथ अली खान ने निभाई है। अली खान मूल रूप से बिहार के गया जिला के शेरघाटी के रहने वाले हैं। अमिताभ बच्चन अभिनीत खुदा गवाह, सरफरोश, मां तूझे सलाम, कोहराम, इंडियन, अली बाबा चालीस चोर जैसी करीब डेढ़ सौ से ज्यादा फिल्मों में बतौर विलेन किरदार निभाने वाले अली खान ने फिल्म निर्माता आर।नारायण मूर्ति की जमकर तारीफ की। कहा कि आदिवासी और दलित पर शोषण और संघर्ष को इस फिल्म में बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है। मुख्य किरदार खुद आर।नारायण मूर्ति ने निभाई है। उन्होंने कहा कि साउथ में सूरत नहीं टैलेंट को कद्र मिलता है। 

फिल्म में एसपी बने हैं रांची के सैयद फुरकान अहमद

सैयद फुरकान अहमद मूल रुप से रांची के रहने वाले हैं। पिछले 40 वर्षों से फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई शो किए हैं। इस फिल्म में उन्होंने पुलिस अधीक्षक की भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि आर।नारायण मूर्ति जी ने दबे कुचले समाज के खिलाफ होने वाले शोषण को बेहतरीन तरीके पेश किया है। एक ईमानदार एसपी के रुप में इन्होंने भ्रष्ट और शोषकों के खिलाफ कानून का इस्तेमाल किया है। आदिवासियों के हक की रक्षा की है। 

इस फिल्म के प्रोड्यूसर सी।एच।पद्मावति हैं। आर।नारायण मूर्ति ने स्टोरी लिखी है। स्क्रीन प्ले और डायरेक्शन के साथ मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म तिरुमला तिरुपति वेंकटेश्वरा के बैनर तले बनी है। मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में चर्चित झारखंड निवासी नवाब आरजू ने फिल्म का डायलॉग लिखा है। टीनू आनंद, पेंटल, सैयद फुरकान अहमद ,  निशा परलोकर ने अलग-अलग किरदार निभाए हैं। फिल्म की शूटिंग महाराष्ट्र में हुई है। वंदे मातरम श्रीनिवास ने म्यूजिक दी है। जबकि उदित नारायण, कुमार सानू, विनोद राठौर और अल्का याज्ञनिक ने अपने सुरों से सजाया है। फिल्म की एडिटिंग मोहन रामाराव और फोटोग्राफी डी। वीराराजू ने की है।


 

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