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नेशनल शूटर तारा शाहदेव मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया, रंजीत कोहली समेत तीनों अभियुक्त दोषी करार

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द फॉलोअप टीम, रांचीः 
नेशनल शूटर तारा शाहदेव मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। रांची सीबीआई कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन, हाईकोर्ट के बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद और कोहली की मां कौशल रानी को दोषी करार दिया है। बता दें कि सीबीआई की ओर से केस साबित करने के लिए कुल 26 गवाह पेश किये गये। वहीं बचाव पक्ष द्वारा 4 गवाह कोर्ट में पेश किये गये। लेकिन तीनों की बेगुनाही साबित नहीं हो पाई। मालूम हो कि सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 23 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब सजा बिंदुओं पर 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी । कोर्ट में न्याय की गुहार लगाने वाली तारा शाहदेव को फैसले का बेसब्री से इंतजार था। गौरतलब है कि 9 साल के बाद फैसला आया है। हालांकि तारा शाहदेव ने कई बार कह चुकी थी कि उन्हें कोर्ट के न्याय पर पूरा भरोसा है। 

 


क्या है तारा शाहदेव मामला
रंजीत सिंह कोहली और तारा शाहदेव की शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी। शादी के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति रकीबुल हसन/रंजीत कोहली द्वारा उत्पीड़न और मारपीट की घटनाएं होने लगी थी। धर्म छुपा कर शादी करने, यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। बाद में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर साल 2015 में सीबीआई ने मामले को टेकओवर किया। फिर जांच शुरू की। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ साल 2018 में चार्जशीट दायर की गयी थी। सीबीआई की ओर से 25 फरवरी को गवाही पूरी कर ली गई थी। इसके बाद अदालत ने आरोपियों का बयान दर्ज किया। बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष ने अपने बचाव में गवाही दी। गवाही बंद होने के बाद मामले में बहस जारी थी। जो पूरी हो गई। मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ तीन जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था। सीबीआई की ओर से 26 गवाहों को पेश किया गया है।


सीएम हेमंत सोरेन को भी बनाया था गवाह
तारा शाहदेव प्रताड़ना मामले के एक गवाह सीएम हेमंत सोरेन भी रह चुके हैं। तीन मई 2023 को रंजीत कोहली को अदालत ने गवाहों की सूची सौंपने को कहा था। रंजीत कोहली की ओर से सौंपी गई गवाहों की सूची में एक नाम हेमंत सोरेन का भी था। 16 मई 2023 को सीएम हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि के रूप में झामुमो जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम उपस्थित हुए। मुश्ताक आलम ने अदालत में कहा कि वह रकीबुल हसन को नहीं पहचानते।

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