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खूंटी : कम उम्र में लड़कियां बन रहीं मां, 3 महीने में 70 नाबालिगों का प्रसव कराया गया  

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 
झारखंड के खूंटी जिले में नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का मामला दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 3 महीने में 70 नाबालिग लड़कियों का प्रसव कराया गया है। जिले के शिशु अस्पताल से यह पता चला कि जिन लड़कियों का प्रसव कराया गया है, उनकी उम्र सीमा 11 से 17 साल के बीच है। खूंटी सिविल सर्जन नागेश्वर मांझी ने इसे चिंताजनक बताया है।

बाल विवाह और नशा है कारण- सिविल सर्जन 
खूंटी सिविल सर्जन नागेश्वर मांझी ने नाबालिगों की गर्भवती होने की बढ़ी संख्या पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह और आदिवासियों के ढुकु प्रथा के कारण कम उम्र के बच्चों की शादियां करा दी जाती है। दोनों नाबालिग एक साथ पति-पत्नी की तरह रहने लगते हैं। उम्र कम होने की वजह से अफीम की नशे की आदत हो जाती है। नशे की हालत में अच्छे-बुरे में फर्क नहीं समझ पाते। उनके सोचने की क्षमता कमजोर पड़ने लगती है। बाद में कम उम्र में बच्चियां गर्भवती हो जाती हैं और उनका प्रसव कराना पड़ता है। 

सिविल सर्जन ने बताया कि इसकी रोकथाम के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है। शिक्षा के अभाव की वजह से लोगों में जागरूकता की कमी है। उन्होंने बताया कि अभिभावकों की लापरवाही की वजह से भी नाबालिगों की शादी करा दी जाती है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों को शिक्षा से जोड़ कर जागरूक किया जाये।

जिला प्रशासन को ठोस कदम उठाने आवश्यकता 
जिले में नाबालिग बच्चियों के गर्भवती होने के मामले बढ़ते जा रहा हैं। बाल विवाह की वजह से नाबालिग बच्चियां गर्भवती हो रही हैं। इसके अलावा इलाके में अफीम की खेती होती है, जिस कारण कम उम्र के बच्चे अफीम का नशा कर रहे हैं। गांव वालों ने कहा कि इसे रोकने के लिए ग्रामसभा या प्रशासनिक स्तर से कोई कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। बच्चों को अफीम जैसे जानलेवा नशे से रोकने के लिए जिला प्रशासन को कठोर कदम उठाने की जरूरत है।


 

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