द फॉलोअप डेस्क
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर श्रम विभाग के एक प्रतिनिधिमंडल ने लेह लद्दाख में कार्यरत झारखंड खास कर संथाल परगना के आदिवासी श्रमिकों की स्थिति का जायजा लिया। प्रतिनिधिमंडल ने लेह लद्दाख और सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों से बातचीत कर श्रमिकों की स्थिति को और बेहतर करने का आग्रह किया है। मालूम हो कि राष्ट्र को बेहतर आधारभूत संरचना से आच्छादित करने में झारखंड के संथाली आदिवासी श्रमिकों का विशिष्ट योगदान है। इनका योगदान सीमा सड़क संगठन के सभी कार्य में है। चाहे गहरी खाई पर पुल बनाना हो या पहाड़ को चीर कर सड़क। इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन्हें वीर श्रमिक की उपाधि दी है। लेह लद्दाख में बीआरओ की परियोजनाओं जैसे हिमांक, विजयक और योजक को समय पर काम पूरा करने में झारखंड के कुशल और मेहनती श्रमिकों का अहम योगदान है। इसको ध्यान में रखते हुए लद्दाख में प्रवासी श्रमिकों की स्थिति की जानकारी लेने प्रतिनिधिमंडल श्रमायुक्त झारखंड के नेतृत्व में 21 अगस्त 2023 को लेह लद्दाख गया था।
श्रमिकों के लिए हमेशा तत्पर सरकार
लद्दाख में श्रम सचिव द्वारा ने बीआरओ को राज्य के प्रवासी श्रमिकों को कार्य के दौरान जरूरी रक्षा संसाधनों से सुसज्जित करने का निर्देश दिया है। ताकि श्रमिकों की जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इससे पूर्व भी राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों को हर संभव सहायता झारखंड सरकार ने पहुंचायी है। कोरोना संक्रमण काल में भी झारखंड के श्रमिकों को सरकार हवाई जहाज से सुरक्षित झारखंड लेकर आई थी। प्रतिनिधिमंडल ने प्रवासी श्रमिक से मुलाकात की तथा कार्यस्थलों का भी दौरा किया। जहां से झारखंड के श्रम विभाग को प्रवासी श्रमिकों द्वारा संपर्क किया जा रहा था। प्रवासी श्रमिकों को किसी भी तरह की परेशानी होने पर निम्नांकित हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने की बात कार्यरत श्रमिकों से कही गई है।
झारखंड प्रवासी कंट्रोल रूम
व्हाट्सएप न.
9470132591
9431336427
9431336398
9431336472
9431336432
लैंडलाइन न.
0651-2481055
0651-2480083
0651-2481037
0651-2480058
0651-2482052
0651-2481188
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