द फॉलोअप डेस्क
भारतीय वन्य जीव संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा साहिबगंज जिले के गंगा नदी क्षेत्र में डॉल्फिन सर्वेक्षण किया गया। यह सर्वे साहिबगंज से लेकर राजमहल, उधवा होते हुए बंगाल सीमा तक किया गया। सर्वेक्षण का उद्देश्य गंगा डॉल्फिन के संरक्षण एवं उनके प्राकृतिक आवास को बेहतर बनाना था। यह सर्वेक्षण वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रबल गर्ग के निर्देश पर संपन्न हुआ। इसके साथ ही डॉल्फिन प्रहरियों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें उन्हें यह सिखाया गया कि वे किस प्रकार से गंगा में डॉल्फिन की सुरक्षा एवं संरक्षण में सहयोग कर सकते हैं।
भारतीय वन्य जीव संस्थान की प्रोजेक्ट साइंटिस्ट डॉ. शोवना रॉय ने जानकारी दी कि साहिबगंज जिला क्षेत्र में गंगा डॉल्फिन की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि इसका प्रमुख कारण यहां गंगा नदी का स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त होना है, जो डॉल्फिन के लिए एक अनुकूल आवास प्रदान करता है। इसके साथ ही यह समृद्ध जैव विविधता के लिए भी अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। साहिबगंज गंगा नदी क्षेत्र न केवल जैव विविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह डॉल्फिन जैसे संकटग्रस्त जलजीवों के लिए भी एक सुरक्षित आश्रय स्थल बनता जा रहा है।
इस सर्वेक्षण के दौरान डब्ल्यू एल एल के सदस्य विजय प्रताप सिंह, हिया शर्मा, सुरोजीत मैत्रा, राजीव साहा और सागर साहनी उपस्थित रहे। साथ ही स्थानीय वनरक्षी इन्द्रजीत कुमार और अंकित झा ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। डॉल्फिन प्रहरियों में संतोष यादव समेत आदि लोग उपस्थित थे।