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Good News : एक बच्चे की आंत थी बाहर, तो दूसरे की आहार नली बंद.. रांची में धरती के भगवान ने किया सफल ऑपरेशन

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रांचीः 
भगवान के बाद अगर किसी को भगवान के दर्जा दिया गया है तो वह हैं डॉक्टर। डॉक्टरों को दिया यह दर्जा तब और ज्यादा सटीक लगता है जब यह वह जटिल से जटिल बीमारी का भी इलाज कर मनुष्य को जीवन दान देते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है झारखंड के दो अलग-अलग जिलों में ।  जहां दो नवजात बच्चों का बचना बिल्कुल नामुमकिन था लेकिन डॉक्टरों के प्रयास से दोनों बच्चों को नई जिंदगी मिली है। एक बच्चा कोडरमा का है, जिसकी आंतें जन्म से ही बाहर थीं। वहीं, दूसरा बच्चा बोकारो का है  जिसके खाने की नली का जन्म से ही विकास नहीं हुआ था। यह सर्जरी रांची के सैमफोर्ड अस्पताल में हुई है। फिलहाल दोनों बच्चे चिकित्सकों की निगरानी में हैं। 


आंत बाहर थी 

जिस बच्चे की आंत बाहर थी वह कोडरमा का है।  जन्म के साथ ही उसकी आंतें बाहर थीं। इसे मेडिकल जगत में गैस्ट्रोस्किसिस कहा जाता है। इसका इलाज संभव नहीं था। अगर ऑपरेशन कर भी दिया जाता तो बच्चे की बचने की उम्मीद बहुत कम थी, लेकिन डॉक्करों के प्रयास से शिशु बिलकुल स्वस्थ है और मां का दूध भी पचा ले रहा है।


आहार नली का विकास नहीं हुआ था 
जिस बच्चे का आहार नली का विकास नहीं हुआ था वह बोकारो का है। इस बीमारी को मेडिकल जगत में ट्रेकिओसोफेगल फिस्टुला कहा जाता है। शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम ने बच्चे का सफल ऑपरेशन कर नई जिंदगी दी। ऑपरेशन करनेवाली शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम में डॉ. मोहम्मद इमरान, डॉ. प्रतीक सिन्हा, डॉ. नीलोत्पल, डॉ. हीरालाल राम, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. कुमार मौसम और डॉ. कुमकुम श्रीवास्तव शामिल थे