logo

आदिम जनजाति के लिए विशेष समिति का गठन करे राज्य सरकार - बाबूलाल मरांडी

EX_CM.jpg

द फॉलोअप डेस्क 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सलाह देते हुए राज्य के आदिम जनजातियों विशेषकर संथाल परगना क्षेत्र में निवास करने वाली पहाड़िया समाज की सामाजिक आर्थिक स्थिति पर चिंता भी व्यक्त की है।
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि झारखंड की आदिम जनजातियों, विशेष रूप से पहाड़िया समाज की आर्थिक और सामाजिक स्थिति किसी से छिपी नहीं है। आज भी यह समुदाय विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर है और बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। इनके गांवों तक आवागमन के लिए न तो सड़कों की उचित पहुंच है और न ही इन्हें स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल पाता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पीने का पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है। कुपोषण, एनीमिया, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां इनके जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं। 
उन्होंने आगे कहा कि पहाड़िया समाज के उत्थान के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ भी अधिकतर बिचौलिए हड़प लेते हैं। इन पहाड़ी क्षेत्रों में उनके लगातार दौरे में  पहाड़िया समाज कि दयनीय स्थिति को देखकर यह साफ जाहिर होता है कि उनकी हालत बेहद चिंताजनक है।कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी आदिम जनजाति समाज कि ऐसी स्थिति राज्य केलिए चिंताजनक है।

उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया  कि झारखंड की आदिम जनजातियों, विशेषकर पहाड़िया समाज के समग्र उत्थान के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाए। समिति द्वारा किए गए सर्वेक्षण और सिफारिशों के आधार पर एक वर्ष की ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए, ताकि उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान हो सके। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि  इस महत्वपूर्ण विषय पर अगले कैबिनेट में मुख्यमंत्री  निर्णय लेकर विशेष समिति बनाकर पहाड़िया जनजाति के गाँवों में ज़मीनी सच्चाई देखने भेजेंगे और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर पुण्य के भागी बनेंगे।

Tags - JHARKHANDJHARKHANDEDरांची बाबूलाल मरांडीमुख्यमंत्रीhemantsoren