द फॉलोअप डेस्कः
झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम और बीजेपी विधायक जे पी पटेल के दल बदल मामले की सुनवाई स्पीकर रवींद्रनाथ महतो के न्यायाधिकरण में पूरी हो गई। दोनों पक्षों के सुनने के बाद स्पीकर ने फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में लगातार दो दिन सुनवाई हुई। स्पीकर रविंद्रनाथ महतो ने जब दूसरे दिन सुनवाई शुरु की तो लोबिन हेंब्रम मामले में वादी शिबू सोरेन की ओर से कहा गया कि इन्होंने राजमहल लोकसभा का चुनाव पार्टी के विरोध में लड़ा है। इसलिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। अत: इनकी सदस्यता खत्म करें। जिस पर लोबिन हेंब्रम ने कहा कि 1995 में निर्दलीय चुनाव लड़े थे तब इनको पार्टी ने नहीं निकाला था। आज भी इनको निष्कासित किया गया है। इससे संबंधित कोई नोटिस नहीं मिला है। सदन में इन्होंने हेमंत सोरेन के पक्ष में ही वोट दिया था। यानि पार्टी मान रही है कि ये झामुमो के विधायक हैं।
जेपी पटेल मामले में क्या हुआ
जेपी पटेल मामले में वादी अमर कुमार बाउरी की ओर से कहा गया कि विधायक केवल इतना बता दें कि वह कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर हजारीबाग सीट से लोकसभा का चुनाव लड़े था या नहीं। इस पर जेपी पटेल ने कहा कि मुझे कल ही याचिका की कॉपी मिली है। इसलिए मुझे जवाब के लिए समय चाहिए और जवाब देने के लिए 90 दिनों का समय मांगा। स्पीकर ने इसे खारिज करते हुए गुरुवार को जवाब देने को कहा। इस मामले में भी दोनों पक्षों को सुनने के बाद गुरुवार को लिखित जवाब देने को कहा और फैसला सुरक्षित रखा।