रांची
ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन ने ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक में कहा कि गांवों में चल रही मनरेगा योजनाओं का सोशल ऑडिट किया जायेगा। कहा कि मनरेगा से जुड़ी योजनाओं में पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए निगरानी होनी चाहिए। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में मनरेगा का अहम रोल है। उन्होंने हर माह समीक्षा बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया, ताकि विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं का नियमित और विस्तार से समीक्षा हो सके। सचिव ने कहा कि मनरेगा से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए लाभुकों की भी अकाउंटेबिलिटी तय होनी चाहिए। इससे योजनाओं को तय समय सीमा में पूरा करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही योजनाओं का सोशल ऑडिट रेगुलर होना चाहिए। इससे योजनाओं में गड़बड़ी और लापरवाही पर अंकुश लग सकेगा।
6.26 लाख योजनाओं को पूरा गया
बैठक में मनरेगा आयुक्त ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में मनरेगा योजनाओं की प्रगति, महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी पीपीटी के माध्यम से रखी। उन्होंने मुख्यमंत्री को वित्तीय वर्ष 2023-24 की कार्य योजना से अवगत कराया। कहा कि वित्तीय वर्ष में भी अबतक कुल 6.26 लाख योजनाओं को पूरा गया। साथ ही बंजर भूमि पर कैक्टस लगाने की योजना की जानकारी दी। बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 1015 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है।
इन योजनाओं की जानकारी दी
सचिव ने बताया कि राज्य में 2.89 लाख सखी मंडलों का गठन किया गया है। जिससे 32.94 लाख परिवारों को जोड़ा गया है। विगत चार वर्षों में 1.18 लाख सखी मंडलों का गठन कर 15.29 लाख परिवारों को जोड़ा गया है। वहीं 5 लाख से अधिक महिला किसानों को लखपति महिला बनाया जा चुका है। बैठक में ग्रामीण विकास सचिव ने महिला उत्पादक संगठन, जोहार परियोजना, झारखंड सूक्ष्म टपक सिंचाई परियोजना, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना, पलाश ब्रांड, फूलो झानो आशीर्वाद अभियान, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, बिरसा विशिष्ट जनजातीय विकास योजना एवं उड़ान परियोजना, प्रखंड भवन निर्माण कार्य आदि से जुड़ी जानकारी भी दी।
हमें फॉलो करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें -