देवघरः
दो साल बाद बाबा नगरी देवघर में श्रावणी मेले का आय़ोजन हो रहा है। श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। करीब 2 सालों के बाद बाबा वैद्यनाथ के दरबार में एक बार फिर से भक्तों की हाजिरी लगेगी। इसको लेकर लगातार कांवड़ियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए कई योजना को तैयार किया गया है। ऐसे में कुछ गाइडलाइन भी तैयार किये गये है। जिसे आम लोगों से लेकर खास लोगों भी फॉलो करना होगा।
ये है गाइडलाइऩ
बता दें कि आज से स्पर्श पूजा बंद है अब अरघा के माध्यम से जलार्पण होगा। वीआइपी व डाक कांवरियों को विशेष सुविधा नहीं मिलेगी। जसीडीह रेलवे स्टेशन पर कांवरियों से चार्ज नहीं वसूला जायेगा रविवार व सोमवार को शीघ्रदर्शनम कूपन जारी नहीं होगा । स्पिरिचुअल हॉल में कांवरियों के आराम करने इंतजाम किया गया है। अगर आप कतार से बचना चाहते हैं तो बाहर बाह्य अरघा की व्यवस्था की गई है। शीघ्रदर्शनम कार्ड की दर आज से 500 रुपये कर दी गई है। मंदिर का पट अब सुबह 3:05 बजे खुलेगा। हर दिन कांचा जल पूजा के बाद अरघा लग जायेगा। पुरोहित समाज के लोग भी अरघा से ही करेंगे जलार्पण। निकास द्वार पर पूरी तरह से प्रवेश पर रोक है। पुरोहित समाज का प्रशासनिक भवन से प्रवेश होगा। शीघ्रदर्शनम काउंटर सुबह के आठ बजे से संचालित होगा। कंबाइंड कंट्रोल रूम से मेले की व्यवस्था नियंत्रित होगी। नेहरू पार्क में अमानत घर व कतार के लिए पंडाल लगेंगे। संक्रांति व प्रत्येक सोमवारी को बेलपत्र पूजा के लिए रात में आधे घंटे के लिए खुलेगा अरघा।
ना हो श्रद्धालुओं को कोई परेशानी
श्रावणी मेला में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर में वीवीआइपी, वीआइपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन करने पर पूरी तरह से पाबंदी लगायी है. बुधवार को श्रावणी मेला के उद्घाटन समारोह में देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि 2015 के बाद राज्य सरकार के निदेशानुसार राजकीय श्रावणी मेला के दौरान वीवीआइपी, वीआइपी व आउट ऑफ टर्न दर्शन पूर्णरूप से बंद रहेगा. ऐसे में आवश्यक है कि आप सभी इस दिशा में सहयोग करें, ताकि बाबाधाम आने वाले श्रद्धालुओं को जलार्पण में किसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े.
मुख्यमंत्री खुद कर रहे मॉनिटरिंग
इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देवघर और बासुकिनाथ में श्रावणी मेला में बेहतर व्यवस्था करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. श्रावणी मेला के सफल संचालन में सरकार के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी, कर्मी, जनप्रतिनिधि, देवघरवासी और भक्तों का सहयोग आवश्यक है. मेला के सफल संचालन में सहयोग करते हुए बाबा बैद्यनाथ के चरणों में सेवा को समर्पित करना सबका उद्देश्य है. बैद्यनाथधाम और बासुकिनाथ में श्रावणी मेला में बेहतर व्यवस्था की गयी है.