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आज भी राज्य में वही गरीबी और हड़िया-दारू है, परिस्थिति में नहीं हुआ है कोई बदलावः शिबू सोरेन

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दुमकाः 
बीते 2 फरवरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपना 44वां स्थापना दिवस मनाया। दुमका के गांधी मैदान में समारोह का आयोजन किया गया था। गुरुवार की देर शाम कार्यक्रम शुरू हुआ और देर रात तक चला। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने जनता को संबोधित किया। इस दौरान वह राज्य के भविष्य को लेकर चिंतित दिखे। उन्होंने कहा कि हमने यह राज इसलिए लिया था ताकि यहां की जनता की भलाई हो सके लेकिन, आज भी कुछ नहीं बदला है। आज भी सबकुछ पहले की तरह है। यह राज्य अलग हुआ था झारखंड की अच्छाई के लिए, गरीबों की अच्छाई के लिए। अपने जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा के लिए। लेकिन राज्य अलग होने का भी कोई फायदा नहीं हुआ। परिस्थिति आज भी वही है, वही गरीबी है, वही मताली है, वही हड़िया-दारू है। गरीबों के पक्ष में कोर्ट भी नहीं है। कोर्ट से कभी कोई फैसला गरीब के लिए नहीं हुआ है। 

शिक्षा से ही विकास संभव

शिबू सोरेन अक्सर मंच से कहते हुए दिखते हैं कि शिक्षा से ही आदिवासी समाज आगे जा सकता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अलग राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। आज भी यहां के लोगो के मन में इसे लेकर सकारात्मक असर है, जो देखकर बहुत अच्छा लगता है। दिशोम गुरू हमेशा से ही शराब बंदी के के पक्ष में बोलते दिखे हैं। उन्होंने कहा कि शराब सामाजिक बुराई है और उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में सबसे ज्यादा संघर्ष इसके लिए किया है।