गढ़वा
अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने अपने एक घंटे के साप्ताहिक कार्यक्रम "कॉफी विद एसडीएम" में गढ़वा अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत संचालित रामनवमी अखाड़ा समितियों को अपने यहां कॉफ़ी पर आमंत्रित कर उनसे मैत्रीपूर्ण माहौल में अनौपचारिक संवाद किया। कार्यक्रम में अनुमंडल क्षेत्र के लगभग दो दर्जन अखाड़ा समितियां के प्रतिनिधियों की सहभागिता रही। संजय कुमार ने सभी को बताया कि यह पूरी तरह से अनौपचारिक वार्ता है इसमें सभी लोग अपनी-अपनी बात खुलकर रखें। तदनुरूप 30 से अधिक वक्ताओं ने एक-एक कर अपनी शिकायतें और सुझाव आदि रखे। सभी के सुझावों और शिकायतों पर अमल करने का आश्वासन देते हुए संजय कुमार ने कहा कि सभी लोग रामनवमी के पावन पर्व को पूरे सद्भाव और हर्षोल्लास के माहौल में मनाए, प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चाक चौबंद रहेगी।
इन अखाड़ों की रही मौजूदगी श्री रामनवमी पूजा महा समिति, मां भवानी अखाड़ा, जय भारत अखाड़ा टंडवा, झुग्गी झोपड़ी अखाड़ा रंका मोड़, श्री राम दल चिरौंजिया, श्री राम मंदिर टंडवा, व्यवसायी संघ अखाड़ा, श्री राम मंडली, जय मां शायर देवी अखाड़ा मेराल, कसेरा समिति, महाराणा प्रताप अखाड़ा, गौ सेवा मित्र मंडली, रामनवमी समिति खरसोता मझिआंव सहित कई रामनवमी अखाड़े के सदस्यों की ओर से कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। साथ ही उन्होंने पर्व के दौरान कई नागरिक सुविधाओं जैसे साफ सफाई, बिजली, पानी आदि को लेकर अपनी-अपनी बात रखी।
मिले विभिन्न सुझाव मुरली श्याम सोनी ने कहा कि रामनवमी पर्व के दौरान मुर्गा, मांस-मछली की दुकानें मुख्य मार्गों पर बंद रखी जाएं, संभव हो तो उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करवा दिया जाए। इसी तरह रोहित चंद्रवंशी ने भी मांस मछली की दुकानों पर त्योहार अवधि में रोक लगाने का अनुरोध किया, रोहित ने अनुमन्य सीमा के ध्वनि विस्तारकों को अनुमति देने की भी मांग की। रोहित ने बताया कि महासमिति के अंतर्गत 22 अखाड़े व 6 रथों का संचालन होता है, ये सभी लोग प्रशासनिक नियमों का पालन करते हुए शहर में धूमधाम से रामनवमी मनाने में अपना सकारात्मक सहयोग देंगे। विवेक सिंह ने कहा कि मंगला जुलूस के समय दोपहर से लेकर शाम तक भारी वाहनों का प्रवेश रोका जाए। उन्होंने रंका मोड पर सार्वजनिक शौचालय व पेयजल की व्यवस्था की भी मांग की। टिंकू गुप्ता ने पर्व के दौरान 10 दिन तक लगातार सड़कों पर पानी के छिड़काव की मांग की साथ ही जुलूस के दौरान भारी वाहनों के आवागमन पर रोक तथा ऑटो ड्राइवरों को अनुशासित रखने की मांग की।
उन्होंने कहा कि जो अखाड़े प्रशासन के सभी नियमों को मानते हुए बेहतर प्रदर्शन करें उन्हें जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया जाना चाहिए। ऋषिक जायसवाल ने कहा कि जुलूस के दौरान मुख्य मार्ग पर लगे डिवाइडर को हटवा देना चाहिए। नमन केसरी ने कहा कि डिवाइडर के पास तथा दोनों ओर जम चुकी धूल को हटवाने के लिए नगर परिषद को निर्देश दिया जाएं। चैती छठ को लेकर भी उन्होंने कई मांगे रखीं। शुभम कुमार ने सड़कों के बीच जर्जर बिजली के पोल हटाने हेतु अनुमंडल दंडाधिकारी के स्तर से 133 की तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जुलूस के समय जो लोग स्टॉल लगाते हैं वे स्टॉल छोटे ही रहें क्योंकि कई बार स्टॉल के कारण जुलूस का मार्ग संकरा हो जाता है। कसेरा समिति के प्रकाश कास्यकार ने कहा कि माझिआंव मोड़ पर मछली मुर्गा वाले लोग गंदगी फैलाते हैं उन्हें चिन्हित कर प्रशासनिक स्तर पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए साथ ही मझिआंव मोड़ के पास फैले अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलना चाहिए। शुभम केसरी ने कहा कि टंडवा में नाली के लीकेज के कारण सरेराह गंदगी बह रही है, उसे शीघ्र दुरुस्त करवाया जाना चाहिए, साथ ही उन्होंने शहर की सभी स्ट्रीट लाइट्स को पर्व के दौरान ठीक करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कई निजी टेलीकॉम कंपनियों व केबल ऑपरेटर आदि के तार भी झूलते रहते हैं उन सब पर भी प्रशासनिक स्तर से कार्रवाई हो। सागर कुमार ने कहा कि में रोड में जो सीसीटीवी खराब हैं उन्हें सुधारा जाना चाहिए। मेराल के संजय भगत ने कहा कि वे एसडीओ संजय कुमार को आश्वस्त करते हैं कि सभी अखाड़े ध्वनि सीमा के अंदर ही ध्वनिविस्तारक का उपयोग करेंगे। इसके अलावा अभिषेक कश्यप, शोभित राज, श्याम किशोर तिवारी, मनोज मेहता, सोनू चंद्रवंशी, दीपक, अभिषेक पासवान, मिथुन कुमार, शशिकांत दुबे, अर्जित कुमार गुप्ता, सूरज गुप्ता, वसंत गुप्ता, राहुल कुमार, सतीश, दिनेश कुशवाहा, प्रिंस कुमार जायसवाल आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे।
गैर लाइसेंसी अखाड़े लाइसेंस लेने की पहल करें संजय कुमार ने सभी अखाड़ों से अनुरोध किया कि यदि उनके पास लाइसेंस नहीं है तो वे नियमानुसार लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करें। डीजे प्रतिबंध के आदेश को दोहराया संजय कुमार ने डीजे प्रतिबंध को लेकर माननीय न्यायालय के आदेश को दोहराते हुए कहा कि आमजन के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक डीजे का किसी भी रूप में प्रयोग नहीं होना चाहिए। साथ ही अन्य ध्वनि विस्तारकों का भी नियमानुसार 80 डेसीबल तक की ध्वनि सीमा के अंदर प्रयोग होना चाहिए।