रांची:
जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक और झारखंड के दिग्गज नेता सरयू राय ने एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री पर कार्रवाई करने की मांग की। सरयू राय ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त किया जाये। सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री पद पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। देखना होगा कि इस पर मुख्यमंत्री की क्या प्रतिक्रिया होती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग किया
सरयू राय ने चिट्ठी में लिखा है कि प्रदेश के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने निहित स्वार्थ में कोविड प्रोत्साहन राशि की पात्रता संबंधी विभागीय संकल्प की गलत व्याख्या की। अपने एवं अपने कोषांग के अपात्र स्वास्थ्य कर्मियों के लिये कोविड प्रोत्साहन राशि लेने के लिये विभागीय संचिका पर जानबूझकर ग़लत आदेश किया है। अपने एवं अपने कोषांग के अन्य अपात्र स्वास्थ्य कर्मियों के बैंक खाता में प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने के लिये डोरंडा ट्रेजरी (कोषागार) एवं प्रोजेक्ट बिल्डिंग ट्रेजरी (कोषागार) में स्वास्थ्य विभाग से 60 विपत्र (बिल) भेजवाया है।
प्रोत्साहन राशि संबंधित कर्मियों के बैंक खाते में गई
वरिष्ठ विधायक सरयू राय ने आरोप लगाया है कि मंत्री के आदेश से डोरंडा ट्रेजरी में भेजे गये 54 विपत्रों का भुगतान हो चुका है। प्रोत्साहन राशि सभी संबंधित कर्मियों के बैंक खाता में जा चुकी है। प्रोजेक्ट बिल्डिंग ट्रेजरी में भेजे गये 6 विपत्र लैप्स हो गये। लैप्स हुए 6 विपत्रों में से एक विपत्र माननीय मंत्री जी के खुद का है। 2 विपत्र मंत्री जी के दो आप्त सचिवों के हैं, 2 विपत्र मंत्री जी के दो निजी सहायकों के हैं और एक विपत्र मंत्री कोषांग के एक चर्या लिपिक का है। सुलभ संदर्भ हेतु माननीय मंत्री जी के विपत्र की प्रति संलग्न है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अवकाश के दिन खुलवाया कार्यालय
सरयू राय ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि वित्तीय अनियमितता का भंडाफोड़ हो जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने 14 अप्रैल और 15 अप्रैल, 2022 को अवकाश के दिन स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय खुलवाया, कागजातों में हेराफेरी किया और अपने भ्रष्ट आचरण के सबूत मिटाने की कोशिश की। अपना विपत्र लैप्स होने की जानकारी मिल जाने के बाद मंत्री ने अवकाश के दिन 15 अप्रैल 2022 को कार्यालय खुलवाकर विभागीय संयुक्त सचिव मनोज कुमार सिन्हा से एक कार्यालय आदेश निकलवाया। जिन 54 कर्मियों के बैंक खाता में कोविड प्रोत्साहन की राशि मंत्री जी के आदेश से चली गई थी, मंत्री ने अपना वो आदेश नैतिकता का हवाला देकर रद्द कराया। यह आदेश वस्तुतः मंत्री के भ्रष्ट आचरण का प्रमाण है।
सरयू राय ने कहा कि इस आदेश का स्वाभाविक प्रतिफल यह होगा कि डोरंडा ट्रेजरी से जिन 54 अन्य कर्मियों के प्रोत्साहन राशि भुगतान के विपत्र स्वीकृत हो गये और राशि उनके बैंक खाते में चली गई उन्हें वह राशि वापस करनी होगी। यानी माननीय मंत्री जी स्वयं नहीं खा सके तो उनके आदेशानुसार जिन्होंने खाकर डकार लिया उन्हें भी खाया हुआ उगलने का निर्देश मंत्री जी द्वारा दे दिया गया।
स्वास्थ्य मंत्री का भ्रष्ट आचरण जगजाहिर हो गया
पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा कि मंत्री एवं मंत्री कोषांग में पदस्थापित आप्त सचिव, निजी सहायक, चर्या लिपिक आदि के वेतन, भत्ता आदि का भुगतान प्रोजेक्ट भवन कोषागार से होता है। जो कर्मी मंत्री कोषांग से संबद्ध नहीं हैं, उनका भुगतान डोरंडा कोषागार से होता है। स्वास्थ्य विभाग ने मंत्री और उनके कोषांग में कार्यरत 6 कर्मियों का कोविड प्रोत्साहन राशि विपत्र प्रोजेक्ट भवन ट्रेजरी में भेजा और अन्य 54 कर्मियों का विपत्र नेपाल हाउस, डोरण्डा ट्रेजरी में भेजा, जबकि मंत्री जी ने सभी को मंत्री कोषांग का कर्मी बताकर कोविड प्रोत्साहन राशि देने का आदेश किया था। यह आदेश भी मंत्री जी द्वारा बरती गई वित्तीय अनियमितता और भ्रष्ट आचरण का एक अतिरिक्त प्रमाण है।
बर्खास्त करके आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग
सरयू राय ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि महाशय, उपर्युक्त विवरण के आलोक में आपकी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का भ्रष्ट आचरण प्रमाणित हो गया है। उन्होंने जानबूझकर ऐसे कर्मियों को मंत्री कोषांग का कर्मी बताया है जो वस्तुतः मंत्री कोषांग के कर्मी हैं ही नहीं। उन्होंने स्वयं भी अपना नाम कोषांग के कर्मियों में शामिल कराकर कोविड प्रोत्साहन राशि लेने का षड्यंत्र किया और अपना भुगतान विपत्र प्रोजेक्ट भवन ट्रेजरी में भिजवाया, जबकि वे इसके पात्र नहीं है। उन्होंने अवकाश के दिन विभागीय कार्यालय खुलवाकर काग़ज़ातों के साथ छेड़छाड़ किया है।