द फॉलोअप डेस्क
कल देर रात डॉ राजकुमार को रिम्स के निदेशक पद से हटाए जाने के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी है। जदयू विधायक सरयू राय और स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। इसी बीच प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी भी कूद गए हैं। सरयू राय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी करते हुए कहा है कि डॉ राजकुमार को रिम्स निदेशक पद से हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कार्रवाई इसलिए की गयी कि इन्होंने दो दिन पूर्व हुई रिम्स शासी परिषद की बैठक में करोड़ों रुपए का गलत भुगतान करने का सरकारी आदेश नहीं माना और सही बातें कह दी। इनके द्वारा रिम्स में किया जा रहा सुधार सरकार को रास नहीं आया।
बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि विगत दिनों हुई रिम्स शासी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार का विरोध करने तथा अनुचित भुगतान के आदेश को न मानने के कारण डॉ राजकुमार को रिम्स निदेशक पद से हटाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। बैठक में निजी डायग्नोस्टिक केंद्रों को बिना किसी अनुबंध के करोड़ों रुपए का भुगतान करने का दबाव स्वयं स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय सचिव द्वारा निदेशक पर डाला जा रहा था। इस दौरान विभागीय सचिव ने शासी परिषद की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश की। अनुचित भुगतान का दबाव नहीं मानने के साथ ही निदेशक ने उस बैठक में अपने इस्तीफा तक देने की बात कह दी थी। अब सरकार ने रिम्स निदेशक को पद से हटा कर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। रिम्स में भ्रष्टाचार का खेल यूं ही चलता रहेगा। इससे पूर्व भी कई निदेशकों को समय पूर्व इस्तीफा देकर यहां से जाना पड़ा। अगर सरकार को गवर्निंग बॉडी की सलाह नहीं माननी तो फिर औपचारिकता के लिए बैठक करने से बेहतर इसे भंग कर देना उचित होगा।
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने भी पलट कर सोशल मीडिया पर जवाब दिया है। उन्होंने लिखा है कि आदरणीय सरयू राय जी से आग्रह है कि हर मामले को राजनीतिक चश्मे से देखने की आवश्यकता नहीं है। रिम्स शासी परिषद ने विधि सम्मत तरीके से निदेशक को कार्य मुक्त करने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग चिकित्सा सेवाओं में निरंतर सुधार के लिए सतत प्रयासरत है। अनुशासनहीन, अनियमितता, असंतोषप्रद और अभद्र आचरण करनेवालों के लिए यहां कोई स्थान नहीं है। सभी अधिकारी राज्यवासियों के लिए सेवाभाव के साथ काम करें। सभी जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध है कि चिकित्सा सेवा में अपेक्षित सुधार के लिए सकारात्मक सहयोग प्रदान करें।
यहां मालूम हो कि शासी परिषद की बैठक में एक कंपनी के बकाए भुगतान पर रिम्स निदेशक और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अजय कुमार सिंह भिड़ गए थे। कंपनी को भुगतान किए जाने के सवाल पर रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार ने कह दिया था कि विभाग क्यों नहीं भुगतान कर देता। इसको लेकर बैठक में तानातनी और असहज स्थिति पैदा हो गयी थी।
आदरणीय @roysaryu सरयू राय जी से विनम्र आग्रह है कि हर मामले को राजनीतिक चश्मे से देखने की आवश्यकता नहीं है। रिम्स शासी परिषद ने विधिसम्मत तरीके से निदेशक को कार्यमुक्त करने का निर्णय किया है। आदरणीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग चिकित्सा सेवाओं… pic.twitter.com/ypUHMys3nR
— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) April 18, 2025
डॉ॰ राजकुमार को रिम्स निदेशक पद से हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह कारवाई इसलिए की गई कि इन्होंने दो दिन पूर्व हुई रिम्स शासी निकाय बैठक में करोड़ों रू का ग़लत भुगतान करने का सरकारी आदेश नहीं माना और सही बातें कह दी. इनके द्वारा रिम्स में किया जा रहा सुधार सरकार को रास नहीं आया. pic.twitter.com/79GzpA0mPA
— Saryu Roy (@roysaryu) April 17, 2025