द फॉलोअप डेस्क
'मैं जल्द घर आऊंगा। एक माह की छुट्टी लेकर घर आऊंगा' ये आखिरी शब्द हैं कांस्टेबल संतोष उरांव जो शुक्रवार को वीरगति को प्राप्त हुए। चाईबासा में शुक्रवार को हुए IED ब्लास्ट में संतोष शहीद हो गए। घटना के करीब 3 घंटे पहले संतोष ने अपनी पत्नी और भाई से एक-एक कर फोन करके बात की थी। आखिरी बात के दौरान उन्होंने सभी का हाल-चाल जाना,वहीं एक माह की छुट्टी लेकर घर आने की भी बात कही। बता दें कि संतोष गुमला के रहने वाले थे। उनके परिवार में मां, पत्नी और दो छोटे-छोटे पुत्र तथा एक भाई है। सभी का रो-रो कर बुला हाल है। वहीं पूरे गांव में शोक की लहर है।
भाई ने कहा-हमें गर्व है वह इस देश की माटी के लिए शहीद हुआ
जानकारी के अनुसार संतोष की पोस्टिंग पहले खूंटी में थी। मगर एक महीने पहले नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में उन्हें शामिल किया गया। जिसके बाद उनकी पोस्टिंग पश्चिम सिंहभूम में की गई। शहीद के भाई ने कहा कि संतोष पूरे परिवार की जिम्मेदारी खुद उठाते थे लेकिन हमें गर्व है कि वह इस देश की माटी को बचाने के लिए शहीद हुआ। आज सुबह पार्थिव शरीर पैतृक गांव तुरिया डीह लाया गया है। जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।
आईईडी क्लीन करने के दौरान हुआ विस्फोट
जानकारी हो कि चाईबासा जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के हाथीबेड़ा में शुक्रवार को सुरक्षाबल आईईडी क्लीन करने गए थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान उग्रवादियों द्वारा जमीन के नीचे बिछाए गए आईईडी विस्फोट हो गया, जिससे 3 जवान घायल हो गए। सूचना मिलने के बाद आनन-फानन में सुरक्षाबलों ने तीनों को जंगल से बाहर निकाला। तीनों के बाहर निकाल एयरलिफ्ट कर रांची भेजा गया। लाने के दौरान ही संतोष शहीद हो गई। वहीं घायल बाकी के दो जवानों में से एक जवान का रांची में तो दूसरे का चाईबासा में ही इलाज किया जा रहा है।