रांची
झारखंड सरकार ने सहारा समूह के निवेशकों को राहत देते हुए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सहारा समूह को 15 दिनों के भीतर 400 करोड़ रुपये की रकम निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया है। अगर इस अवधि में राशि वापस नहीं की गई, तो समूह के निदेशकों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई होगी। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने सहारा इंडिया की लीगल टीम को इस संबंध में स्पष्ट चेतावनी दी है। यह अल्टीमेटम रांची स्थित पुलिस मुख्यालय में विश्व भारती जनसेवा संस्थान और सहारा इंडिया की लीगल टीम के बीच हुई बैठक में दिया गया।
मुख्य बिंदु:
400 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश: झारखंड में सहारा समूह के निवेशकों द्वारा क्लेम की गई राशि 400 करोड़ रुपये है। इसे 15 दिनों में लौटाना अनिवार्य किया गया है।
सहारा के कार्यालयों पर सख्ती: डीजीपी ने कहा कि झारखंड में सहारा के सील किए गए कार्यालय नहीं खोले जाएंगे। केवल रांची स्थित जोनल कार्यालय (पत्राचार के लिए) चालू रहेगा।
गिरफ्तारी की चेतावनी: अगर निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो समूह के निदेशकों की गिरफ्तारी की जाएगी।
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन: डीजीपी ने बताया कि हाईकोर्ट के रोक आदेश के बावजूद सहारा की शाखाएं संचालित हो रही थीं और निवेशकों से री-सबमिशन के नाम पर पैसे लिए जा रहे थे।
सहारा समूह ने मांगा समय
लीगल टीम ने झारखंड सरकार से 15 दिनों का समय मांगा है ताकि सकारात्मक समाधान निकाला जा सके।
विश्व भारती जनसेवा संस्थान के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र कुमार कुशवाहा के अनुसार, झारखंड में लगभग 30,000 निवेशक हैं, जिनकी कुल राशि 4000 करोड़ रुपये है। फिलहाल 400 करोड़ रुपये का क्लेम दर्ज किया गया है।
सहारा समूह के सुप्रीमो सुब्रत राय का निधन 2023 में कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण हुआ था। वे 75 वर्ष के थे।
यह मामला अब गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है, और सहारा समूह को सरकार के इस अल्टीमेटम का पालन करना होगा, अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहना पड़ेगा।