द फॉलोअप डेस्क
रिम्स के इमरजेंसी विभाग में बेड की लगातार कमी की समस्या बढ़ती जा रही है। खासकर ठंड के मौसम में रिम्स परिसर में मरीजों की संख्या में वृद्धि के कारण बेड की संख्या में कमी आयी है। बताया जा रहा है कि कई प्राइवेट अस्पतालों से भी रेफर किए गए मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इससे रिम्स पर दबाव और बढ़ गया है। इस स्थिति को देखते हुए रिम्स प्रबंधन ने बेड की संख्या बढ़ाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
बेड की संख्या बढ़ेगी
बताया जा रहा है कि पहले क्रिटिकल केयर और इमरजेंसी विभाग में कुल 50 बेड थे। लेकिन अब दोनों विभागों में मिलाकर 130 बेड कार्यरत हैं। इसके अलावा रिम्स की पुरानी इमरजेंसी को फिर से मेडिकल इमरजेंसी में परिवर्तित किया जाएगा। साथ ही ऑन्कोलॉजी ब्लॉक के चौथे तल्ले में 9 अतिरिक्त बेड की सुविधा प्रदान की जाएगी। इनमें से 7 में ऑक्सीजन पाइपलाइन की भी सुविधा होगी। इसके साथ ही 16 बेड का विस्तार पेइंग वार्ड में किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, मरीजों से इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस निर्णय को स्टेट कमेटी की बैठक में मंजूरी दी गई है। इसके अलावा ICU में 26 और बेड जोड़े जाएंगे, जिससे कुल 184 बेड की वृद्धि होगी। इस कदम से बेड की कमी की समस्या में काफी हद तक सुधार होगा। ट्रॉमा इमरजेंसी में भी बेड बढ़ाने की योजना है।प्रेस कांफ्रेंस में दी जानकारी
यह जानकारी रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने यह भी बताया कि मरीजों को दवाओं की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी, क्योंकि अस्पताल में 80% से अधिक दवाएं उपलब्ध रहेंगी। दवाओं की नियमित आपूर्ति के लिए एक इंवेंट्री तैयार की जा रही है, जिससे दवाओं का स्टॉक हमेशा उपलब्ध रहे। यदि दवाओं की कमी महसूस होती है, तो एक सप्ताह पहले ही खरीदारी कर ली जाएगी। इसके अलावा, मरीजों को दवाएं खरीदने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी।
स्पेशल स्क्वॉड का किया गया गठन
रिम्स में मरीजों से पैसे लेकर बेड देने की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। इस पर अंकुश लगाने के लिए एक स्पेशल स्क्वॉड का गठन किया गया है, जिसमें डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, एक क्लीनिकल कंसल्टेंट और सुरक्षा कर्मचारियों की टीम शामिल होगी। यह टीम अस्पताल में गलत गतिविधियों की पहचान कर उन्हें रोकने का काम करेगी। इसके साथ ही अस्पताल की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए 1,100 नए CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, जो सभी गतिविधियों पर निगरानी रखेंगे।
51 करोड़ के मेडिकल उपकरणों का दिया ऑर्डर
रिम्स ने पिछले साल 51 करोड़ रुपए की लागत से नए मेडिकल उपकरणों का ऑर्डर दिया है, जिसमें रेडियोलॉजी, एमआरआई, सीआर्म, एक्सरे और पोर्टेबल एक्सरे मशीन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। इन उपकरणों को जल्द ही अस्पताल में स्थापित किया जाएगा, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। साथ ही अस्पताल में मैनपावर की भी वृद्धि की जाएगी।