द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड में मानहानि मामले में चाईबासा स्थित एमपी, एमएलए की विशेष अदालत द्वारा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ 27 फरवरी 2024 को जारी गैर जमानती वारंट को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई आज झारखंड हाईकोर्ट में हुई। मामले में झारखंड हाईकर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ चाईबासा की एमपी, एमएलए कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट को एक माह के लिए शर्त के साथ स्थगित कर दिया। साथ ही राहुल गांधी को ट्रायल फेस करने के लिए कानून सम्मत कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने राहुल गांधी की याचिका को निष्पादित कर दिया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट सशरीर हाजिर होने का आदेश दिया था। कोर्ट ने राहुल गांधी को 27 मार्च को सशरीर कोर्ट में हाजिर होने को कहा है। मामला साल 2018 का है। उस दौरान नई दिल्ली में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में राहुल ने कहा था कि भाजपा में कोई भी हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है। उस वक्त भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह थे। राहुल की इस बयानबाजी के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रताप कटियार ने चाईबासा के एमपी एमएलए कोर्ट में केस दर्ज कराया था। हालांकि इस मामले को रांची के एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन चाईबासा में एमपी एमएलए कोर्ट शुरू होने के बाद इसे चाईबासा ट्रांसफर कर दिया गया था। अधिवक्ता केशव प्रसाद ने बताया कि अप्रैल 2022 में चाईबासा एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था। जिस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
27 फरवरी 2024 को न्यायधीश ऋषि कुमार की अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया। जिसके बाद राहुल गांधी के वकील के द्वारा कोर्ट में आवेदन देकर राहुल गांधी के सशरीर उपस्थित होने से छूट मांगी गई थी। लेकिन न्यायाधीश ऋषि कुमार की कोर्ट ने 14 मार्च 2024 को उनके आवेदन को ही खारिज कर दिया और राहुल गांधी को 27 मार्च को सशरीर उपस्थित होने का आदेश जारी किया था।