रांची:
बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े रिलीज किए जाने के बाद झारखंड में भी सियासी हलचल बढ़ गई है। आजसू पार्टी और कांग्रेस जहां मुखर होकर रिपोर्ट पर अपना पक्ष रख रही है तो वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के खेमे में चुप्पी है। बीजेपी भी खामोश है। आजसू पार्टी ने कहा कि हेमंत को हिम्मत दिखाकर झारखंड में भी जातिगत सर्वे कराना चाहिए। वहीं कांग्रेस ने भी इसका समर्थन किया।
झारखंड में भी लागू करने की मांग
आजसू पार्टी के प्रवक्ता डॉ. देवशरण ने कहा कि हेमंत को हिम्मत दिखाकर झारकंड में भी इसे लागू करना चाहिए। झारखंड में भी आबादी पर हिस्सेदारी की बात होनी चाहिए। इउन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से विकास मॉडल बनाने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि हमने महाधिवेशन में भी प्रस्ताव पारित किया है। हमारा उद्देश्य स्पष्ट है कि समाज के वंचित वर्ग को उनका अधिकार मिले।
राजेश ठाकुर ने देश में लागू करने की रखी मांग
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हमने शुरू से ही जातिगत जनगणना का समर्थन किया है। राष्ट्रीय नेतृत्व भी मुखर रहा है। देश में भी ऐसा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला, ओबीसी सहित अन्य वंचित वर्गों को तभी उनका हक मिल सकेगा जब उनका सही-सही आंकड़ा सरकार के पास होगा।
बीजेपी और झामुमो ने साध रखी है चुप्पी
जहां आजसू और कांग्रेस खुलकर अपनी बात रख रही है वहीं भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा फिलहाल चुप्पी साधे हुए है। दरअसल, बिहार में भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जब पूरी रिपोर्ट आएगी। हम विवेचना करने के बाद ही कोई बयान देंगे।
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