रांची
रांची के मांडर में जिले का पहला ग्राम न्यायालय खोला गया है। मांडर में न्यायालय का उद्घाटन चीफ जस्टिस डॉ बिद्युत रंजन षाड़ेगी ने किया। मौके पर झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि आम नागरिकों तक न्याय व्यवस्था की पहुंच को बढ़ाने और प्रत्येक नागरिक को देश के न्यायिक तंत्र से जोड़ने के लिए ग्राम न्यायालय की स्थापना की गयी है। इस व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर नागरिकों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ग्राम न्यायालय का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगों को स्थानीय स्तर पर संवैधानिक प्रक्रिया के तहत न्याय उपलब्ध कराना है। उन्होंने उदघाटन के दिन ही ग्राम न्यायालय में मध्यस्थता के माध्यम से दो दंपत्ती के बीच के विवाद के निष्पादन पर खुशी जाहिर की। उन्हें सम्मानित भी किया।
जनता को सुलभ न्याय दिलाने की कवायद
ग्राम न्यायालय के उदघाटन के बाद चीफ जस्टिस ने ग्राम न्यायालय के कोर्ट रूम, मध्यस्थता कक्ष, अभिलेख कक्ष व नजारत का भी अवलोकन किया। मौके पर झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि जनता को सुलभ न्याय दिलाने के लिए ग्राम न्यायालय की स्थापना की गयी है। जिस उद्देश्य के साथ इस न्यायालय का उद्घाटन किया गया है, उसे पूरा करने में आम जनता के साथ वकील भी सहयोग करें। समारोह में न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय ने कहा कि मांडर के 19 पंचायतों के ग्रामीणों के छोटे-छोटे मुकदमों के निष्पादन के लिए यह ग्राम न्यायालय मील का पत्थर साबित होगा। कार्यक्रम का संचालन न्यायिक दंडाधिकारी एकता सक्सेना व धन्यवाद ज्ञापन रांची के डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने किया।
मौके पर ये लोग मौजूद थे
मौके पर पोस्को के न्यायधीश आसिफ इकबाल, जिला सत्र न्यायाधीश मनीष रंजन, कुटुंब न्यायालय के जज राजेश कुमार, जिला सत्र न्यायधीश एनसी झा, न्यायिक दंडाधिकारी राजकुमार पांडेय, अक्षत श्रीवास्तव, डीएन शुक्ला, अभिषेक कुमार, फैमिली कोर्ट की जज संजीता श्रीवास्तव, झालसा सचिव रंजना अस्थाना, जिला सत्र न्यायाधीश सचिन्द्र बिरुवा व संजीव झा, चंदन, परिधि शर्मा, रांची जिला बार एसोसिएशन के सचिव संजय विद्रोही, मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा सहित अन्य आदि मौजूद थे।