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जिस जमीन की जांच पुलिस ने की बंद, ED ने उसी पर हुए फर्जीवाड़ा का किया खुलासा

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द फॉलोअप डेस्कः 
रांची के चेशायर होम रोड स्थित 1 एकड़ जमीन की डील में फर्जी तरीके से पेपर तैयार कर जमीन पर कब्जा जमाने की पोल ईडी ने खोली है। लेकिन इसी मामले को सदर थाने कि पुलिस ने दीवानी बताकर बंद कर दी थी। कहा जा रहा है कि पुलिस ने जमीन हड़पने की जालसाजी के पहलुओं पर जांच ही नहीं की। पुलिस ने दस्तावेज की फॉरेंसिक जांच भी नहीं कराई। जबकि ईडी ने इन्हीं कागजातों की फॉरेंसिक जांच कराकर फर्जीवाड़ा को उजागर किया।

 

अब कोर्ट ने इस मामले में शिकायतकर्ता उमेश गोप को नोटिस किया है। उन्हें 27 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया है। नवंबर 2022 में सदर थाने में उमेश गोप के बयान पर केस दर्ज किया गया था। जिसमें 6 लोगों को आरोपी बनाया गया था। उमेश गोप द्वारा रांची एसीजीएम कोर्ट में दाखिल कम्प्लेन केस में आए आदेश के बाद सदर थाने में आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 447,504, 506, 341 और 323 के साथ 34 के तहत यह प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 

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तीन दावेदार हैं एक ही जमीन के 
इस जमीन के तीन दावेदार सामने आ चुके थे। पहले दावेदार उमेश गोप है। दूसरा दावेदार कोलकाता के लखन सिंह है। तीसरा दावेदार राजेश राय है। बता दें कि चेशायर रोड होम की जमीन विष्णु अग्रवाल ने खरीदी है। ईडी ने इससे संबंधित दस्तावेज विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजी थी। जांच के बाद अपनी रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी है। रिपोर्ट में जमीन के सेल डीड में हेराफेरी करने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दस्तावेज में जमीन मालिक के तौर पर जोड़े गए मूल सेल डीड की लिखावट से अलग है। इसे किसी दूसरे व्यक्ति ने लिखा है। स्याही भी अलग है। पेज की संख्या भी ज्यादा है। इस मामले के सामने आने के बाद यह कहा जा सकता है कि जिला पुलिस और ईडी एक बार फिर आमने-सामने की आशंका है क्योंकि इससे पहले भी बरहरवा तोल विवाद मामले में पुलिस और एडी आमने सामने आ चुकी है। बता दे कि सदर थाने में यह 399/22 केस संख्या के तौर पर दर्ज है।