द फॉलोअप डेस्क
जिस संथाल बिल्डर्स को लेकर सूबे की राजनीतिक गर्म है, उसे लेकर बाबूलाल मरांडी के भाई रामिया मरांडी ने झामुमो पर पलटवार किया है। गौरतलब है कि झामुमो की ओर से कल रविवार को एक बिल्डिंग की तस्वीर मीडिया में जारी की गयी थी। और इसका संबंध बाबूलाल मरांडी से बताया गया था। इसी के जवाब में रामिया मरांडी ने एक पत्र मीडिया में जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है, यह सही है कि संथाल परगना बिल्डर्स जब 2005 में बनी तब उसमें वे भी एक डायरेक्टर थे। बाद में यह शिकायत मिलने लगी कि योगेन्द्र तिवारी ज़मीन और शराब कारोबार में ऐसे काम भी करने लगा है जिससे भविष्य में बदनामी हो सकती है। मुझे लगा कि उसका मुख्य काम राजनीति, प्रशासन में प्रभावी लोगों के क़रीबियों को पटाना, उनसे निकटता बढ़ाना एवं सिंडिकेट बनाकर उनका इस्तेमाल अपने फ़ायदे के लिए करना है। तब मुझे लगा कि भविष्य में हमारी भी बदनामी हो सकती है और निश्चित रूप से तब हमारे बड़े भाई बाबूलाल मरांडी पर भी खराब असर हो सकता है। इसलिए मैं 2011 में ही हर तरह से उस कंपनी से अलग हो गया।
सरकार में साहस नहीं
आज 13 साल बाद उस कंपनी से मेरा नाम जोड़कर अख़बारों में छपवाने का काम क्यों किया गया है, ये मेरी समझ से परे है। अगर कंपनी ने ग़लत धंधा किया या कर रही है तो सरकार उस पर तुरत एफआइआर करे। उसकी सम्पत्ति जब्त करे। गंभीर जांच हो, तो सबको सबकुछ पता चल जायेगा। सरकार को ऐसा करने से किसने रोका है। कहा है कि लगता है सरकार में कार्रवाई करने का साहस नहीं है, सिर्फ़ लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है ताकि मेरे भाई बाबूलाल मरांडी पर छींटाकशी किया जा सके।
हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://chat.whatsapp.com/FUOBMq3TVcGIFiAqwM4C9N