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अडाणी प्रकरण : आम आदमी का पैसा डूबने वाला है और प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हैंः राजेश ठाकुर

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रांचीः
अडाणी ग्रुप के शेयर लगातार गिरते जा रहे हैं। तमाम मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के सबसे ज्यादा निवेश अदाणी ग्रुप में किए गए हैं। अब लोगों में इस बात का डर बढ़ता जा रहा है कि कहीं उनके पैसे डूब ना जाए। इसीको लेकर कॉंग्रेस लगातार अदाणी ग्रुप के साथ ही केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर है। इसी विरोध प्रदर्शन के क्रम में आज रांची महानगर अध्यक्ष कुमार राजा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, बंधु तिर्की, कुमार राजा, राजीव रंजन, राकेश सिन्हा, सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता शामिल हुए।


प्रधानमंत्री ने चुप्पी साधी है
राजेश ठाकुर ने भी कहा की लोग सबसे ज्यादा विश्वास एलआईसी और स्टेट बैंक पर ही करते हैं और अब जबकि सबके पैसे डूबने की कगार पर है तो नरेंद्र मोदी चुप्पी साधे हुए हैं। उन्हें सामने आकर स्पष्ट करना चाहिए कि आम जनता को आखिर कब तक ऐसे छला जाएगा। जिन गरीबों का, ठोला खोमचा वाले से लेकर आम आदमी का पैसा इन दो संस्थानों में है वह कहां जाएंगे आखिर। क्या केंद्र सरकार इस बात की गारंटी लेगी कि उनका पैसा कहीं नहीं जाएगा। यह व्यापारियों की सरकार है। इसमें सिर्फ गरीबों को लूटने का काम हो रहा है। इसलिए कांग्रेस इस लूट वाली सरकार के विरोध में आज सड़क पर उतरी है। इस दौरान कुमार राजा ने कहा कि स्टेट बैंक और एलआईसी में आम पब्लिक जिसमें ठेला वाले से लेकर कपड़ा बेचने वाले तक का पैसा लगा हुआ है। केंद्र की भाजपा सरकार अडाणी ग्रुप को शरण दे रही है। लगातार उसके शेयर गिर रहे हैं। लोगों का पैसा डूबने की कगार पर है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कुछ नहीं कह रहे हैं।

इसी दौरान कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि प्रधानमंत्री इस मामले में जेपीसी गठन कर जांच करायें। अपने चुनिंदा मित्रों को देश की संपति लूटने का अधिकार मोदी जी ने दे दिया है लेकिन कांग्रेस देश के सजग प्रहरी के रूप में ऐसा नहीं होने देगी। प्रदर्शन में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकात सहाय ने कहा कि मोदी सरकार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर ऐसे चुप्पी साधी हुई हैए जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं है। प्रधानमंत्री से हम कहना चाहते हैं कि आप अपने परम मित्र को धोखा दीजियेए हमें उससे कोई मतलब नहीं है। पर कम से कम भारत के निवेशकों खाताधारकों को तो धोखा मत दीजिये।