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राजीव अरुण एक्का से लगातार दूसरे दिन हुई पूछताछ, 11 घंटे तक ईडी कार्यालय में रहे

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द फॉलोअप डेस्क
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को 1994 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का से मंगलार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ की। पहले दिन सोमवार को 10 घंटे तक पूछताछ हुई थी। वहीं, दूसरे दिन करीब 11 घंटे तक पूछताछ होती रही। रात करीब 10.30 बजे ईडी ने उन्हें घ जाने की इजाजत दी। मालूम हो कि राजीव अरुण एक्का सोमवार की सुबह करीब 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे थे। लंबी पूछताछ के बाद रात 9.15 बजे के करीब ईडी ने उन्हें घर जाने दिया। मिली जानकारी के अनुसार ईडी राजीव अरुण एक्का से जानना चाहा कि मनी लांड्रिंग के संदिग्ध विशाल चौधरी के पास से उनके विभाग के आधिकारिक दस्तावेज कैसे पहुंचे। बताया जा रहा है कि ईडी द्वारा उनसे और पूछताछ किये जाने की संभावना है क्योंकि पूरा ब्योरा सामने नहीं आया है। बताया जा रहा है कि राजीव अरुण एक्का से अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में विशाल चौधरी की संलिप्तता के बारे में भी पूछा। दरअसल यह आरोप लगाया गया है कि विशाल चौधरी ने आर्थिक लाभ के बदले अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए अपने रसूख का इस्तेमाल किया है। सूत्रों की मानें तो राजीव अरुण एक्का को फिर ईडी पूछताछ के लिए बुला सकती है।

 

विशाल चौधरी के घर पर सरकारी फाइल निपटाने का आरोप
बीते दिनों भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक वीडियो जारी किया था। जिसमें बताया गया था कि राजीव अरुण एक्का दलाल विशाल चौधरी के ऑफिस में बैठकर सरकारी फाइल निपटा रहे थे। इस मामले को लेकर सरकार ने उनका ट्रांसफर किया है। दूसरी ओर भाजपा के नेताओं ने ईडी कार्यालय में आवेदन देकर मामले की जांच की मांग की थी। अब इसी मामले को लेकर ईडी ने आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का को समन जारी किया है। मालूम हो कि आईएएस अधिकारी वर्तमान में राजीव अरुण एक्का पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव पद पर कार्यरत हैं। जबकि, वीडियो जारी किए जाने से पहले वे सीएम के प्रधान सचिव के साथ गृह सचिव के पद पर कार्यरत थे।


 

ईडी ने विशाल चौधरी के ठिकाने पर मारा था छापा
24 मई 2022 को विशाल चौधरी के ठिकाने पर ईडी ने छापेमारी की थी। वहीं, राजीव अरुण एक्का के बहनोई निशिथ केशरी के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई थी। जिस वक्त राजीव अरुण के दोस्त विशाल चौधरी के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित आवास में ईडी की टीम छापेमारी करने पहुंची थी, तब उसने गेट खोलने से पहले अपना आईफोन कचरे में फेंक दिया था। ईडी ने उस मोबाइल को जब्त कर लिया था। बताया जा रहा है कि उस मोबाइल के जरिए ही विशाल चौधरी के डिजिटल साक्ष्य के विश्लेषण में ही ईडी को कई जानकारी मिली है।

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