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सिर्फ सम्मान से बात नहीं बनेगी, संविधान को रक्षा की भी जरूरत है; इसपर आक्रमण हो रहाः राहुल गांधी

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द फॉलोअप डेस्कः 
राहुल गांधी आज रांची पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं देख रहा हूं पोस्टर में लिखा है संविधान सम्मान सम्मेलन। मगर आज सच्चाई ये है कि संविधान की रक्षा की जरूरत है। सिर्फ सम्मान से बात नहीं बनेगी। उसपे आक्रमण हो रहा है। जबरदस्त आक्रमण हो रहा है। चारो तरफ से आक्रमण हो रहा है। मोदी जी, अमित शाह जी आक्रमण नहीं कर रहे है। अलग-अलग शक्ति इसपे आक्रमण कर रहे हैं। इनका लक्ष्य है कि संविधान खत्म हो जाए या खोखला बना दे।मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि ये संविधान कब बना है। बिरसा मुंडा जी नहीं होते तो ये बनता, नारायण गुरूजी नहीं होते तो ये बनता। अंबेडकर जी नहीं होते तो ये बनता। गुरुनानक नहीं होते तो ये बनता। ये कितना पुराना है। ये 50 साल पुराना नहीं है, ये 70 साल पुराना नहीं है। इसके पीछे जो सोच है वो हजारों साल पुरानी है। ये जो लड़ाई चल रही है ये 50-70 साल पुरानी नहीं है। ये हजारों साल पुरानी है। 


अगर ये सोच बिरसा मुंडा जी की सोच का है, गुरुनानक की सोच का है तो इसके विरोध में कौन है, वो है मनुस्मृति। ये नई लड़ाई नहीं है ये हजारों साल से लड़ाई चल रही है। अंबेडकर जी ने कहा एजुकेट। इसका मतलब क्या है। अपने हक को जानो, संविधान को जानो बस। अगर आज एक युवा फिजिक्स बहुत अच्छे से समझ जाए तो उसे एजुकेट कहेंगे। अंबेडकर जी के एजुकेट का मतलब ये था कि आप कौन हो, आप कहां खड़े हो, आपके चारों ओर क्या हो रहा है, कौन कर रहा है, क्या कर रहा है एजुकेट का ये मतलब होता है। एजुकेट का ये मतलब नहीं होता है कि आप कॉलेज चले गये आपको अपनी इतिहास नहीं मालूम, आपको अपनी समाज में जगह नहीं मालूम तब आप एजुकेट नहीं हो।

 
आज क्या हो रहा है कि मैं बताता हूं। जब बीजेपी के लोग आदिवासी को वनवासी कहते हैं तो वो क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। आपका जो इतिहास है, जीने का तरीका है, फिलोस्फी है, मेडिकल साइंस है उसको वो खत्म करने की कोशिश कर रहे है। आदिवासी का मतलब जो सबसे पहले मालिक थे। वनवासी का क्या मतलब है जो जंगल में रहते हैं। देखिए फर्क देखिए। आदिवासी वनवासी सिर्फ एक शब्द नहीं है। ये आपकी पूरी हिस्ट्री है। मेरी स्कूलिंग हिंदुस्तान में हुई है। आदिवासियों के बारे में जोड़ दे तो 10-15 लाइन मिलेंगे। मगर इनकी हिस्ट्री क्या है, इनके जीने का तरीका क्या है, इनकी पॉलिटिक्स क्या है, इनकी साइंस क्या है उसके बारे में कुछ नहीं। स्कूलिंग में दलितों के बारे में एक लाइन मिलेगा। मगर उनपर जो अत्याचार हुए, उनकी जो सोच थी, उनकी जो साइंस थी उसके बारे में कुछ नहीं। 


ओबीसी को किसने कहा कि आप पिछड़े हो। आप इस देश को चलाते हो आपके खून पसीने से ये देश चलता है आपकी हिस्ट्री कहां है। जिन लोगों ने इस देश को बनाया किसान, मजदूर, नाई, बढ़ई इनकी हिस्ट्री क्या है। कहां लिखा है। फाड़ दिया गया है। हिंदुस्तान के 90 प्रतिशत लोग हिस्ट्री में है ही नहीं। मतलब आप छुपे हुए हो। हिंदुस्तान के कॉरपोरेट में देखिए आप 250 कॉरपोरेट में की लिस्ट मैंने निकाली। 250 सबसे बड़े कॉरपोरेट में आपको एक आदिवासी, दलित नहीं मिलेगा। हलवा बांट रहे हैं वहीं खा रहे हैं वहीं। 
100 रुपये में से 5 रुपये का निर्णय ओबीसी लेते हैं। 1 रुपये का निर्णय दलित अफसर लेते हैं। और 10 पैसे का निर्णय आदिवासी अफसर लेते हैं। बॉलिवुड में भी आपको दलित, आदिवासी, ओबीसी नहीं दिखाई देंगे। नाच गाना चल रहा मगर 90 प्रतिशत का कोई वहां नाच नहीं रहा। राष्ट्रपति आदिवासी बनाई गयी हैं। पहली बार आदिवासी राष्ट्रपति को बनाया गया। पारलियामेंट के उद्धाटन में उनको अंदर नहीं जाने दिया जाता है। और उन्होंने मान लिया। राम मंदिर का उद्धाटन होता है राष्ट्रपति को कहा जाता है  आप मत आईए। अंबानी को बुलाया जाता है, अडाणी को बुलाया जाता है। लेकिन राष्ट्रपति जी को कहा जाता है कि आप मत आईए। अगर यह संविधान पर आक्रमण नहीं है तो क्या है। 


संविधान में कहा गया है कि एक व्यक्ति को एक वोट का हक मिलेगा। हिंदुस्तान का हर एक व्यक्ति एक जैसा है। कोई बड़ा नहीं है , छोटा नहीं है। सबको एक जैसा हक मिलना है। आप हिंदुस्तान की कोई भी संस्था देख लीजिए कौन संविधान की रक्षा करता है। मीडिया इसकी रक्षा करता है नहीं, इलेक्शन कमीशन इसकी रक्षा करता है नहीं, इडी, सीबीआई के लोग इसकी रक्षा करते हैं नहीं। ब्योरोक्रेसी इसकी रक्षा करता है नहीं। क्यों। क्योंकि इन सबको बीजेपी ने खरीद लिया है। आपकी आवाज कहां है। आपकी आवाज आपके दिल में है। मगर हिंदुस्तान की संस्थाओं में नहीं है। इलेक्शन कमीशन, मिनिस्ट्री, मीडिया कहां है आपकी आवाज। फिर नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि मैं पिछड़ों का सम्मान करूंगा,दलितों का सम्मान करूंगाआदिवासियों का सम्मान करूंगा। और फिर आपके हाथ से आपकी शक्ति छीन लेते हैं। सम्मान आपको देते हैं और आपकी पावर आपसे छीन लेते हैं। उनके पास धन है, संस्थाए है, ईडी है, सीबीआई है। सबकुछ उनके पास है तो हमारे पास क्या है, हमारे पास सच्चाई है। 

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