द फॉलोअप डेस्क
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चाईबासा कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को रद्द कराने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनके अधिवक्ता दीपांकर के अनुसार, यह याचिका 29 मई को दायर की गई थी। चाईबासा की विशेष अदालत ने राहुल गांधी को 26 जून को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। हालांकि, इसी मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट (CRPC 205) को लेकर पहले ही हाईकोर्ट में एक याचिका लंबित है। याचिकाकर्ता पक्ष का कहना है कि उस याचिका पर विचार किए बिना ही निचली अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया, जो प्रक्रिया के विरुद्ध है।
राहुल गांधी की ओर से दायर ताजा याचिका में इसी आधार पर गैर-जमानती वारंट रद्द करने की मांग की गई है। अधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट में वर्तमान में ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहा है, लेकिन याचिका की जल्द सुनवाई के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि राहुल गांधी के खिलाफ चाईबासा कोर्ट में दो और रांची में एक मामला विचाराधीन है। यह मामला उनके द्वारा 28 मार्च 2018 को कांग्रेस के अधिवेशन में भाजपा के खिलाफ दिए गए एक बयान से जुड़ा है, जिसमें भाजपा नेता प्रताप कुमार ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
पूर्व में हाईकोर्ट के आदेश पर यह मामला रांची स्थित एमपी-एमएलए विशेष अदालत में स्थानांतरित किया गया था, लेकिन बाद में इसे फिर से चाईबासा की विशेष अदालत में भेजा गया। समन मिलने के बावजूद राहुल गांधी ने कोर्ट में उपस्थित नहीं होने के कारण, पहले जमानतीय वारंट और फिर गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। राहुल गांधी की ओर से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग को निचली अदालत ने खारिज कर दिया, जिसके बाद उन्होंने अब हाईकोर्ट का रुख किया है।