रांची:
जल जीवन मिशन की परिकल्पना ग्रामीण झारखण्ड के सभी घरों में 2024 तक नल से जल उपलब्ध कराने के लिए लक्षित की गई है। इसके तहत भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुन: पानी का उपयोग भी होगा। लक्ष्य का पीछा करते हुए राज्य सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 के अंत तक 59,23,320 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन से आच्छादित करने के लक्ष्य के मुकाबले कोरोना संक्रमण काल के बावजूद विगत ढाई वर्ष में 20 प्रतिशत घरों तक नल से जल की पहुंच सुनिश्चित की गई है।
Joy of Pushpa Devi, is evident from her smile as she sees water flowing from the tap. She lives in #Tupukhurd village, at #Latehar in #Jharkhand.
— Jal Jeevan Mission I #AzadiKaAmritMahotsav (@jaljeevan_) May 11, 2022
Before #JalJeevanMission her day began with a long walk in search of water. #HarGharJal ends the drudgery faced by women.#JalKahani pic.twitter.com/GXksAXjW6H
25 मई 2022 तक इतने घरों तक पहुंचा पानी
मिशन के जरिये 25 मई 2022 तक 11,82,692 ग्रामीण परिवारों को नल से जल के तहत गृह संयोजन से कवर किया गया है। राज्य के कुल 29,657 गांवों में से 965 गांव का हर घर जल वाला बन चुका है। 12,083 गांवों में कार्य प्रगति पर है, जबकि निकट भविष्य में शेष 16,708 गांवों में कार्य प्रारंभ करने हेतु योजना या तो स्वीकृत की गई हैं या डीपीआर तैयार किया गया है।
जरूरतमंदों तक जल पहुंचाने में कितनी वृद्धि
जल जीवन मिशन के तहत 2019 के बाद जरूरतमंदों के घरों तक नल से जल पहुंचाने में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रामीण घरों में नल से जल आपूर्ति के लिए राज्य के 59,23,320 घर को लक्षित किया गया है। 2019 की स्थिति को देखें तो नल कनेक्शन वाले कुल घर 3,45,165 थे, जबकि मई 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 11,83,632 हो गई है। मिशन के शुभारंभ के बाद कुल प्रदान किए गये नल कनेक्शन 8,38,467 हैं। जल जीवन मिशन के माध्यम से सबसे अधिक बोकारो के 89,901, धनबाद के 66,669, पूर्वी सिंहभूम के 56,702 घरों में शुद्ध पेयजल नल के माध्यम से पहुंचाया गया है।
सरकारी स्कूलों औऱ आंगनबाड़ी को कवर किया
राज्य के कुल 41,408, सरकारी स्कूलों में से 7,450 स्कूल एवं 1,758 आंगनबाड़ी केन्द्रों में नल से जल पहुंचाया गया है। जल जीवन मिशन पानी के लिए एक सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित महत्वाकांक्षी योजना है और इसमें मिशन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार को शामिल किया गया है। राज्य सरकार जल जीवन मिशन को जन आंदोलन बनाना चाहती है, ताकि यह सबकी प्राथमिकता बन जाए।