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रांची में जबरन जमीन कब्जा पर बढ़ा विरोध, राज्यपाल से मिले देवेंद्रनाथ महतो 

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रांची
राजधानी में जबरन जमीन कब्जा का मामला गंभीर रूप लेता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर जेएलकेएम के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की और कई उदाहरणों के साथ शिकायत दर्ज कराई। महतो ने बताया कि पूंजीपतियों द्वारा सीएनटी एक्ट और भूमि अधिग्रहण अधिनियम का उल्लंघन कर गैर-मजरूआ, कृषि, वन और अन्य श्रेणी की जमीनों पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से बीआईटी मेसरा, बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, और रेलवे विभाग पर बिना वैध अधिग्रहण दस्तावेज के सैकड़ों एकड़ जमीन कब्जाने का आरोप लगाया।


मेसरा, रुदिया और हुंबई मौजा में 281 एकड़, नगड़ी मौजा में 277 एकड़ और हरातु मौजा में 78.39 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे की बात कही गई। सभी मामलों में रैयत अब तक लगान भरते आ रहे हैं, लेकिन कब्जाधारी संस्थानों के पास वैध अधिग्रहण प्रमाण नहीं हैं। महतो ने यह भी बताया कि कांके, चामा, बुकरु आदि क्षेत्रों में 500 एकड़ से अधिक जमीनों को अवैध रूप से बेचा जा रहा है, जिनका स्वरूप जानबूझकर बदला गया है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इन मामलों का समाधान शीघ्र नहीं हुआ, तो राजधानी रांची के चारों ओर से "जमीन बचाओ यात्रा" निकाली जाएगी। प्रतिनिधिमंडल में करमु मुंडा, नागेंद्र महतो, बाबूलाल महतो, जयंती देवी, संजय महतो, मालती देवी, चंदन महतो, धनेश्वर महतो, रजनीश कुमार महतो और शांति देवी शामिल थे।

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