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32 सालों से उत्पाद सिपाही की नहीं हुई है नियुक्ति, 622 में सिर्फ 33 पदों पर ही लोग कर रहे काम

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द फॉलोअप डेस्कः 
एक तरफ राज्य में बेरोजगार युवा नौकरी की चाह में सड़कों पर आंदोलनरत हैं तो वहीं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में लाखों पद रिक्त हैं। उनमें से एक उत्पाद विभाग भी शामिल है। उत्पाद विभाग में सालों से नियुक्ति नहीं हुई है। इस विभाग में सृजित कुल 1066 पद है जिसमें से कि वर्तमान में 888 पद खाली है। विभाग में सिर्फ 178 लोग ही काम कर रहे हैं। राज्य में मात्र 33 उत्पाद सिपाही इस वक्त काम कर रहे हैं। अगर औसतन देखा जाए तो 2 उत्पाद सिपाही भी प्रत्येक जिला के लिए नहीं है। राज्य में उत्पाद सिपाही की नियुक्ति 32 सालों से नहीं हुई है। अंतिम नियुक्ति 1980 में हुई थी। जब झारखंड और बिहार एक ही था। राज्य में उत्पाद सिपाही के कुल 622 पद सृजित है वर्तमान में 589 पद खाली है। राज्य गठन के बाद उत्पाद सिपाही उत्पाद विभाग में नए पद तो सृजित नहीं हुए लेकिन जो पद एकीकृत बिहार में थे उन पदों पर भी आधा से ज्यादा पद खाली है। 


2016 में हुई थी अंतिम नियुक्ति
फिलहाल राज्य में 19 सहायक अवर निरीक्षक व 47 अवर निरीक्षक कार्यरत हैं। अवैध शराब का कारोबार रोकने से लेकर शराब की बिक्री सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी इन पर है। शराब की खपत के साथ अवैध कारोबार भी राज्य में बड़ा है राज्य में लगभग 4500 करोड़ शराब का कारोबार होता है। लगातार राजस्व भी बढ़ा है। सालाना लगभग दो हजार करोड़ का राजस्व भी प्राप्त हो रहा है। शराब का कारोबार बढ़ता गया लेकिन कार्यरत कर्मियों की संख्या कम होती जा रही है। राज्य में उत्पाद विभाग में अंतिम नियुक्ति 2016 में हुई थी। 2016 में सहायक अवर निरीक्षक अवर निरीक्षक उत्पाद पद पर नियुक्ति की गई थी। इसके बाद इस विभाग में कोई नियुक्ति नहीं हुई है। फिलहाल इस पर कोई प्रक्रिया भी नहीं चालू है। वहीं सहायक अवर निरीक्षक के 105 में से 86 व अवर निरीक्षक उत्पाद के 185 में से 78 पद रिक्त हैं। 

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