द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पीएमएलए कोर्ट ने राज्य के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, उनके ओएसडी संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर शुक्रवार को संज्ञान लिया। कोर्ट ने ईडी की ओर से इनके खिलाफ दाखिल चार्जशीट को स्वीकार कर लिया है और अब इनके खिलाफ मुकदमे की आगे की कार्यवाही शुरू होगी।
मंत्री की संलिप्तता के साक्ष्य ईडी के पास
बता दें कि ईडी ने चार जुलाई को 100 से भी अधिक पन्नों में दाखिल चार्जशीट में बताया है कि पूर्व मंत्री के तत्कालीन ओएसडी संजीव लाल के घरेलू सहायक के ठिकानों पर हुई छापेमारी में 32.20 करोड़ रुपए मिले। पूछताछ में यह पाया गया है कि यह रकम टेंडर कमीशन के जरिए अवैध रूप से उगाही गई है। चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि टेंडर घोटाले में पूर्व मंत्री की संलिप्तता के साक्ष्य हैं। इस केस में ईडी अब तक आरोपियों की चार करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त कर चुकी है। इसके अलावा कई चल-अचल संपत्ति का भी जिक्र किया गया है, जिन्हें जल्द ही एजेंसी अटैच करने की कार्रवाई करेगी।
13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
ईडी ने संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम को छह मई को गिरफ्तार किया था। वहीं, तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम को 15 मई को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने गिरफ्तारी के बाद तीनों से 14 दिन तक पूछताछ की थी और उसके बाद जेल भेज दिया था। उस समय से तीनों आरोपी जेल में हैं। टेंडर कमीशन मामले में अब तक नौ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सबसे पहले ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया गया था। एक आरोपी हृदय नाथ तिवारी फरार है। ईडी ने कुल 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.