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प्रदेश के दो जिले रामगढ़ (Ramgarh) और हजारीबाग (Hazaribagh) में कई जगहों पर जमीन में बोरिंग करने से पानी के साथ आग निकलने की घटना सामने आई है। दरअसल,पानी के साथ आग निकलने का कारण जमीन के नीचे मौजूद मिथेन गैस का रिसाव (Methane Gas Leak) है। डीप बोरिंग(Deep boring) वाली जगहों पर रिसाव की शिकायत सबसे ज्यादा है। इसमें रामगढ़ जिला का मांडू प्रखंड के लइयो उत्तरी और लइयो दक्षिणी पंचायत ज्यादा प्रभावित है। इलाके में लगभग 10 हजार की आबादी है और लोग दहशत में जी रहे हैं।
हज़ारीबाग जिला भी है मिथेन का बड़ा भंडार
रामगढ़ जिले की घटनाओं से पूर्व हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत हरली में भी मिथेन के रिसाव की शिकायतें मिली थीं। मिथेन गैस के रिसाव को लेकर समाचार एजेंसी IANS ने खनन विशेषज्ञ CMPDI सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट के रिटायर्ड GM एवी सहाय से इस बारे में बात की। बातचीत में उन्होंने कहा कि जिस इलाके में रिसाव की सूचनाएं मिली हैं, वहां पूर्व में हुए सर्वे में कोल बेड मिथेन का बड़ा भंडार पाए जाने की पुष्टि हुई है। गैस के रिसाव को रोकने के लिए विशेषज्ञ संस्थाओं की निगरानी में तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।
मिट्टी की उर्वरा शक्ति हुई प्रभावित, खेती में हो रही कठिनाई
लईयो उत्तरी पंचायत के मुंडल टोगरी और कोठीटांड़ में भी ग्रामीणों ने डीप बोरिंग से मिथेन गैस के रिसाव की शिकायत की है। इसकी वजह से एक बड़े क्षेत्र में ग्रामीण खेती नहीं कर पा रहे हैं। कारण है गैस के प्रभाव वाले इलाके में मिट्टी की उर्वरा शक्ति का काम होना। ग्रामीण जीवलाल महतो, नेपाल रजवार, शिबू ठाकुर सहित तमाम लोगों ने बताया कि कोठीटांड़ और मुंडल टोंगरी में बोरिंग से 8 से 10 फीट पानी ऊपर की ओर निकल रहा है। जानकारी के मुताबिक़ गैस रिसाव की घटना में काफी तेज आवाजें भी निकल रही हैं।
इलाके में कई बार हुई हैं ऐसी घटनाएं
मिथेन रिसाव की ऐसी घटनाएं इलाके में पहली भी हुई हैं। वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र अंतर्गत लइयो दुधीबांध बस्ती निवासी भोला रजवार के घर में लगभग एक साल पहले बोरिंग से अचानक मिथेन गैस निकलने लगी थी। इस कारण अचानक आग भी लग गई थी। लगातार पानी डालने से आग बुझ गई थी।
विशेषज्ञ बोलें-सरकार को भी कदम उठाने चाहिए
खनन विशेषज्ञ एवी सहाय बताते हैं कि वेस्ट बोकारो कोलियरी एरिया और सीसीएल के नॉर्थ कर्णपुरा के इस्टर्न पार्ट में कोल बेड मिथेन का बड़ा भंडार है। कई इलाकों में ओएनजीसी ने मिथैन के कमर्शियल दोहन का प्रोजेक्ट शुरू भी किया है। ऐसे इलाकों में अगर कोई व्यक्ति डीप बोरिंग करता है, तो उसके पहले विशेषज्ञों से मशविरा जरूर किया जाना चाहिए। इसके साथ सरकार को ऐसे मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
मिथेन से पर्यावरण को पहुंचता है नुकसान, इलाके में हुई कई पक्षियों की मौत
मिथेन में कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 24 गुना ग्लोबल वॉर्मिंग पोटेंशियल होता है। लईयो उत्तरी पंचायत के मुखिया सुरेश महतो उर्फ मदन महतो ने बताया कि लइयो करमाली टोला में एक बोरिंग से लगभग 15-20 फीट की ऊंचाई तक पानी के फव्वारे के साथ निकल रही मिथेन गैस बीते शनिवार को अचानक आग की लपटों में बदल गई। आग बाद में खुद बुझ गई। लेकिन, इस स्थान के आस-पास एक दर्जन से ज्यादा कौओं और बगुलों की मौत हो गई थी।