द फॉलोअप डेस्कः
रामगढ़ जिले के पतरातू प्रखंड के पतरातू डैम में आज पर्यटक स्थल का उद्घाटन सीएम हेमंत सोरेन ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पतरातू किसी परिचय का मोहताज नहीं है। लेकिन इस पतरातू को और थोड़ा खूबसूरत बनाने के लिए यह प्रयास शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि समय के अभाव में हम इसका उद्धाटन नहीं कर पा रहे थे लेकिन थोड़ा विलंब से ही सही इसका उद्घाटन आज हो गया। वैसे यह बहुत पहले से बनकर तैयार है। हमारे राज्य में लोहा, कोयला जैसे खनिज संपदा तो है ही। इसके साथ-साथ हमारे राज्य में पर्यटक को लेकर कई स्थल भी है। कई मौसम में लोग पर्यटक स्थलों में जाने का प्रोग्राम भी बनाते हैं। यहां के लोग दूसरे राज्यों में जाते हैं तो इस को ध्यान में रखते हुए हम लोगों ने भी सोचा क्यों नहीं हम लोग भी दूसरे राज्य के लोगों को आकर्षित करें। पर्यटक के क्षेत्र में चाहे वह प्राकृतिक सौंदर्य हो चाहे वह हमारे धार्मिक स्थल हो आप सबको मालूम हो कि हमारे राज्य में खूबसूरत वादियां तो है ही साथ-साथ में कई ऐसे धार्मिक स्थल भी हैं जहां देश दुनिया से लोग वहां पूजा अर्चना करते हैं। चाहे वह बासुकीनाथ हो, चाहे वह बाबा बैजनाथ हो, चाहे रजरप्पा हो। आज पहला पर्यटक स्थल के रूप में पतरातू को हम लोगों ने जनता के लिए समर्पित किया है और आज आप कोशिश करके देखो यह छोटी चीजें नहीं ये पर्यटक स्थल रोजगार के द्वार खोलेगा। पर्यटक स्थल के इर्द गिर्द आपलोग कई जगह जाते होंगे। पतरातू डैम का पानी इतना आकर्षित करने वाला है कि दूर दूर से लोग इसे देखने आएंगे। यहां रहने वालों से आग्रह होगा कि आप इसको नुकसान ना पहुंचाए। डैम का नुकसान मतलब आपका नुकसान। कोई प्लास्टिक और कचड़ा ना फेंकें। इसकी रक्षा आपके हाथ में है। मैं देखता हूं कि लोग पिकनिक मनाते हैं और सारी गंदगी वहीं छोड़ देते हैं। अब ऐसे में सरकार सख्ती बरतने लगेगी।
जिला प्रशासन से मैं कहना चाहूंगा कि इस क्षेत्र में एक मार्किंग कर दें कि इस क्षेत्र में कोई कचड़ा ना फेंके। कचड़ा के लिए एक जगह चिन्हित कर दें। जहां-तहां गंदगी ना करे। बहुत सारे लोग नाव चलाते हैं पता चला कि नाव में गये हैं और ऐसे में सैलानी हाथ में चिप्स का पैकेट लेकर चले जाते हैं। चिप्स खत्म होते ही उसे डैम में फेंक देते हैं। नाविक को भी इस बात का ध्यान रखना होगा क्योंकि यह आपके रोजी रोटी का जरिया है। अब यहां सैलानियों का आगमन होगा। आम लोगों की जागरूकता से ही यह पर्यटक स्थल आगे बढ़ेगा। बिल्कुल आप इसे अपनी संपत्ती समझते हुए इसे चलाए। अधिक से अधिक सैलानियों को लाने का प्रयास हमारा होगा। यहां बहुत सारी चीजें अभी और जोड़नी है। कश्मीर के डल झील से कितने परिवारों का घर चलता है। इसलिए इसे भी खूबसूरत बनाए ताकि आपका भी रोजगार चल सके। इसलिए आप सभी को इस शुभ अवसर पर कहना चाहता हूं कि यहां से यह स्वरोजगार उत्पन्न होगा। यहां पैर रखने की जगह नहीं होगी। यहां जिसे रोजगार मिलेगा उसके पास कोई डिग्री हो यह जरूरी नहीं है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजना योजना के तहत आप आवेदन दीजिए और दुकान खोलिए। सैलानी आएंगे और खरीदेंगे। यह सिर्फ पानी का डैम नहीं है ये हजारों लोगों को जोड़ने का माध्यम है। इससे सैकड़ों परिवारों का चूल्हा जलेगा।