पलामूः
पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता ने गुरुवार को पलामू परिसदन में प्रेस कांफ्रेस किया। खुद पर हुए एफआईआर को लेकर उन्होंने कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में बड़ी राजनीतिक साजिश से भी मना नहीं किया जा सकता। आखिर ऐसी क्या हुआ कि 08 जुलाई की घटना को लेकर 2 सितंबर को FIR दर्ज की गई। कहीं ना कहीं उनपर दवाब बनाया गया। विधायक ने कहा कि एफआईआर में यह कहा गया है कि बीडीओ को फोन पर धमकियां मिल रही थी। लेकिन इसका जिक्र नहीं है कि बीडीओ साहब को किस नंबर से धमकी मिल रही थी।
बीडीओ पर दया आ रही
इसलिए प्रशासन मामले में निष्पक्षतापूर्वक जांच करे। बीडीओ को अगर धमकी दी गई है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नहीं लगता है कि यही इतनी बड़ी बात है कि इसे विशेषाधिकार हनन तक ले जाया जाए। बीडीओ बेचारे हैं, उन पर उन्हें दया आ रही है। विधायक ने कहा है कि दलाल और भ्रष्टाचारियों के साजिश और बहकावे में आकर यह एफआईआर दर्ज हुई है। एफआईआर एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।
विधायक समेत 60 पर एफआइआर
पलामू के मनातू थाना में पांकी से भाजपा विधायक डॉ शशि भूषण मेहता समेत 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर सुनील प्रकाश के आवेदन के आधार पर की गई है। मनातू कांड संख्या 23/22 में विधायक एवं अन्य पर मारपीट करने समेत कई आरोप लगे हैं। एफआइआर में 353, 66ई आईटी एक्ट भी लगाया गया है।
8 जुलाई को भाजपा विधायक डॉ शशि भूषण मेहता समर्थकों के साथ मनातू प्रखंड कार्यालय पहुंचे थे। बीडीओ के कार्यालय में नहीं मिलने पर वह उनके आवास में पहुंच गए। विधायक का आरोप था कि बीडीओ शराब पी रहे थे। इस मामले को लेकर विधायक ने धरना दिया था और कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि तब आपसी सहमति से मामला सुलझ गया था। लेकिन विधायक द्वारा बीडीओ की शिकायत विभागीय अधिकारियों और सचिव से किए जाने के बाद एक बार मामला फिर से गरमा गया है। बीडीओ ने विधायक पर प्राथमिकी दर्ज कराई है।