logo

Ranchi : होली के बाद होगी पंचायत सचिव व निम्नवर्गीय लिपिक मामले की सुनवाई! बुधवार को कोर्ट में क्या हुआ

HIGHCOURT1.jpg

रांची: 

पंचायत सचिव व निम्नवर्गीय लिपिक नियुक्ति के 11 गैर अनुसूचित जिले तथा राज्य स्तरीय पदों हेतु बुधवार को झारखंड उच्च न्यायालय के कोर्ट नंबर 3 में न्यायाधीश एसएन पाठक के बेंच में सुनवाई हुई। WP(S):- 945/2021 (विकास कुमार सिंह व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य), WP(S):- 2060/2021(प्रशांत तर्वे व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य) तथा WP(S):- 4418/2021(सुरेंद्र प्रजापति व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य) के मामले में प्रार्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता प्रशांत भूषण तथा हाईकोर्ट के अधिवक्ता चंचल जैन, अमृतांश वत्स एवं आन्या ने बहस किया।


11 गैर-अनुसूचित जिलों में नियुक्ति पर रोक नहीं! 
प्रशांत भूषण सर ने कोर्ट को सारी वस्तुस्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि गैर अनुसूचित जिले की नियुक्ति प्रक्रिया पर कहीं कोई रोक नहीं होने के बावजूद भी सरकार ने अब तक पंचायत सचिव व निम्नवर्गीय लिपिक की नियुक्ति नहीं की है, जबकि पंचायत सचिव तथा निम्नवर्गीय लिपिक के लिए लिखित परीक्षा, कौशल जांच परीक्षा तथा दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया सितंबर 2019 तक पूर्ण करा ली गई है।

इस मामले में हाई कोर्ट के लार्जर बेंच ने भी स्पष्ट कर दिया है कि 11 गैर अनुसूचित जिले की नियुक्ति प्रक्रिया पर कहीं कोई रोक नहीं है। 

सुप्रीम कोर्ट में 11 अनुसूचित जिलों का मामला लंबित नहीं! 
सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सोनी कुमारी वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी 11 गैर अनुसूचित जिले से संबंधित कोई मामला लंबित नहीं है, इसके बावजूद भी सरकार ने अब तक पंचायत सचिव तथा निम्नवर्गीय लिपिक की नियुक्ति नहीं की है, जबकि सरकार ने संकल्प संख्या 229, दिनांक- 19/01/2022 को पारित करके 5938 तथा 5939 से आच्छादित वैसे सभी विज्ञापनों को निरस्त करने का फैसला लिया जिसमें अब तक नियुक्ति पत्र निर्गत नहीं किया गया है।

जबकि अधिसूचना संख्या 5938 एवं 5939 का संबंध 13 अनुसूचित जिले से है, जहां पर वहीं के स्थानीय निवासियों के लिए शत प्रतिशत आरक्षण से संबंधित था।

होली के बाद होगी मामले की सुनवाई
प्रशंता भूषण ने कहा कि अतः पिटीशनर को अमेंडमेंट रिट पिटीशन फ़ाइल करने के लिए अनुमति देने की कृपा की जाए। न्यायधीश ने अमेंडमेंट रिट पेटिशन फ़ाइल करने के लिए अनुमति दी। प्रशांत भूषण ने कोर्ट से दरख्वास्त की है कि अगली सुनवाई वर्चुअल मोड में की जाये। जस्टिस एसएन पाठक ने इसकी अनुमति दी।

बता दें कि मामले की अगली सुनवाई अमेंडमेंट रिट पिटीशन फ़ाइल होने के बाद होगी। इस बात की पूरी संभावना है कि मामले में अगली सुनवाई होली के बाद होगी।