घाटशिला
सीएम हेमंत सोरेन आज घाटशिला में झामुमो उम्मीदवार रामदास सोरेन के नामांकन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ अपने ही लोग अब भाजपा का एजेंट बनकर आपसे वोट मांगने आयेगे, उनसे सावधान रहिएगा। सोरेन ने कहा, राज्य में केंद्र सरकार औऱ राज्य सरकार के बीच चुनावी जंग शुरू हो चुकी है। एक तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार है और दूसरी तरफ बीजेपी की सरकार है। एक तरफ पूंजीपतियों की सरकार औऱ दूसरी तरफ आदिवासी, दलित, पिछड़े और दबे कुचलों की सरकार। कहा, हमारे पूर्वजों ने लड़कर अपनी शहादत देकर अलग राज्य के लिए संघर्ष किया। हमारा ध्यान पहले इसी बात रहता था कि कैसे हमको अपना राज्य मिलेगा। कैसे यहां आबुआ राज होगा। कैसे लेंगे झारखंड, लड़कर लेंगे झारखंड, यही नारा हर तरफ गूंजता था। हम अपने लोगों को विधायक और सांसद कैसे बनायेंगे ये हमको समझ में नहीं आता था।
सीएम ने कहा, 2000 में अलग राज तो मिल गया, लेकिन हमने जो सोचा था कि राज्य मिल जायेगा तो सब ठीक हो जायेगा, ऐसा हुआ नहीं। कहा, अलग राज के लिए शहीद निर्मल महतो, शिबू सोरेन जैसे नेताओं ने अपना बचपन और जवानी सब न्योछावर किया। कहा कि हमारे नेता शहीद होते थे और बीजेपी के नेता विधायक और सांसद बनते थे। लड़कर झारखंड तो हमने लिया लेकिन सत्ता पर काबिज हो गये बीजेपी के लोग। इस राज्य में बीजेपी ने 20 साल तक ऐसा राज चलाया कि हाथ में लोग राशन कार्ड लेकर, इधर उधर भागते हुए मर गये। भूख से मौत किसी राज के लिए अभिशाप की तरह होती है।
हेमंत ने कहा, 2019 में हमने गठबंधन की सरकार बनाई है। इसके लिए भी बहुत संघर्ष हुए हैं। सरकार बनाते ही हमारे सामने कोरोना की चुनौती आ गयी। दुनियाभर में ऐसा लगा कि मानव जीवन खत्म हो जायेगा। बीजेपी की सरकार ने बिना सोचे समझे, पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया। देश में दुकान, बाजार, हाट और फैक्ट्री सब बंद हो गये। हमारे जो भाई दूसरे राज्यों में काम करने गये थे, उनको काम से निकाल दिया गया। जबकि हमारे लोगों की हालत ऐसी है कि अगर वो एक दिन काम नहीं करे तो उसके घर में चूल्हा भी नहीं जलेगा। राज्य की गरीबी के बावजूद हमने इस स्थिति का सामना किया। हमने अपने मजदूर भाइयों को देश औऱ विदेश तक से एयर लिफ्ट करके राज्य में बुलाया। ऐसी हालत में भी हमने एक भी आदमी को भूख से मरने नहीं दिया। झारखंड पहला ऐसा राज्य बना जो कोरोनकाल में अपने मजदूर भाइयों को हवाई मार्ग से उनके घर आने के प्रबंध किया। कहा कि कोरोना में लोगों को बचाने के लिए हमारे मंत्री और साथी दिन रात लगे रहे। उन्होंने राज्य के लोगों को तो बचा लिया लेकिन हमारे दो मंत्री इसमें नहीं रहे। हाजी हुसैन अंसारी और जगरनाथ महतो कोरोना काल में लोगों की सेवा के दौरान चल बसे।