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झारखंड : नई नियोजन नीति से स्थानीय भाषा को हटाए जाने के निर्णय से छात्रों में आक्रोश, सीएम और मुख्य सचिव का पुतला दहन

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रांचीः
झारखंड सरकार जल्द नया नियोजन नीति बनाने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में विभागीय सचिवों की बैठक हुई थी। जिसमें निर्णय लिया गया है कि इस बार की नियोजन नीति से स्थानीय भाषा को हटा दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक नई नियोजन नीति में ना तो क्वालीफाइंग में स्थानीय भाषा को जगह दी जाएगी और ना ही मार्क्स उठाने वाले पेपर में। यह बात जैसे ही सामने निकल कर आई वैसे ही छात्रों में आक्रोश भर गया है। छात्र आज रांची कॉलेज के सामने स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि नई नियोजन नीति में किसी भी हालत में स्थानीय भाषा को ना हटाया जाए। अगर हटाया गया तो छात्र उग्र आंदोलन करेंगे। छात्रों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव सुखदेव सिंह का पुतला भी दहन किया है।


नियुक्ति शुरू की जाए 
बता दें कि नई नियोजन नीति अगर बनती है तो थर्ड-फोर्थ ग्रेड की नौकरियों के लिए अब राज्य से ही 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास करने की बाध्यता खत्म हो जाएगी।जानकारी के मुताबिक बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा और परिवेश का ज्ञान होना होने की शर्त भी हटाई जा सकती है। मुख्य सचिव ने पुरानी नियमावली के अनुरूप ही नई नियुक्ति नियमावली बनाने और स्वीकृति के लिए सरकार को भेजने का निर्देश दिया है। साथ ही नियमावली में अन्य बदलाव के बगैर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है। ताकि जल्दी नए  विज्ञापन निकल सके और नियुक्ति शुरू की जा सके।