द फॉलोअप डेस्कः
पहाड़ी मंदिर में नई समिति के गठन के बाद पुरानी समिति के लोग इसका विरोध कर रहै हैं। इसके खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। पहाड़ी मंदिर विकास समिति ने याचिका दायर कर झारखंड हिन्दू न्यास बोर्ड के कमेटी भंग करने के आदेश को रद्द करने का आग्रह अदालत से किया है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 1993 से चल रही पहाड़ी मंदिर प्रबंध समिति को अचानक भंग किया जाना न्याय संगत नहीं है। आदेश जारी करते हुए कहा है कि बोर्ड की धारा 29 का उपयोग करते हुए प्रबंध समिति को भंग कर नए प्रबंध समिति का गठन किया गया है। प्रार्थी का यह आदेश गैर संवैधानिक है।
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राजनीतिक उद्देश्य से इसे भंग की गई पुरानी कमिटि
याचिका में यह भी कहा गया है कि कमेटी भंग करने के पहले नोटिस नहीं दिया गया है। बिना नोटिस कमेटी भंग नहीं की जा सकती। राजनीतिक उद्देश्य से इसे भंग किया गया है। याचिका में आरोप लगाया है कि कमेटी भंग कर एक ही राजनीतिक दल के लोगों को नियुक्त किया गया है। झारखंड के कई मंदिरों में जो मंदिर के सेवक हैं, उसे हटाकर परिवार वाले लोगों को बढ़ावा दिया गया है। पहाड़ी मंदिर प्रबंध समिति जिसे वर्तमान में भंग कर दिया गया है, उसमें रांची जिला के पदाधिकारी ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य पदों पर रहते थे। ऐसा समिति के बायोलॉज में ही लिखा हुआ है। सनातन धर्म में आस्था रखने वाले 50 श्रद्धालु समिति में सेवक के रूप में थे, जिसे भंग कर नई समिति बनाई गई है।
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