द फॉलोअप डेस्क
जलडेगा प्रखंड के टिनगिना बगीचा टोली निवासी प्रवासी मजदूर मांगनू साय की अचानक तबियत बिगड़ने से कर्नाटक में पिछले रविवार को मौत हो गई थी। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण परिजन शव को घर लाने में असमर्थ थे। परिजनों ने उपायुक्त सिमडेगा और श्रम विभाग से शव को घर लाने के लिए मदद मागी थी। इसके बाद मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तुरंत सिमडेगा उपायुक्त अजय कुमार सिंह को मामले को गंभीरता से लेने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार को जरूरी सरकारी योजानाओं के लाभ सुनिश्चित करानो को कहा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद सिमडेगा उपायुक्त अजय कुमार सिंह ने त्वरित कारवाई करते हुए श्रम अधीक्षक पुनीत मिंज को तत्काल आवश्यक कारवाई करने का निर्देश दिया। झारखंड सरकार के श्रम विभाग द्वारा झारखंड अंतर्राजीय प्रवासी मज़दूरों के सर्वेक्षण एवं पुनर्वास योजना के तहत शव को घर लाने के लिए मृतक की पत्नी जयमती कुमारी को श्रम विभाग सिमडेगा के द्वारा तत्काल सहायता के रूप में 50 हजार रुपये का चेक दिया गया। वहीं श्रम अधीक्षक के निर्देश पर श्रम विभाग जलडेगा के आलोक कुमार द्वारा मृतक के आश्रितों का श्रमाधान पोर्टल पर असंगठित मजदूर निबंधन कार्ड बनवाया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि असंगठित कार्ड बनने से 9 तरह के लाभ मजदूरों को श्रम विभाग के माध्यम से दिया जायेगा।
वहीं बीडीओ डॉ प्रवीण कुमार ने भी पीड़ित परिवार के घर जाकर उन्हें सुखा राशन, कपड़ा आदि मुहैया कराया। इस दौरान बीडीओ ने पीड़ित परिवार को विभिन्न सरकारी योजनाओं से आच्छादित करने का आश्वासन दिया। परिवार को अबुआ आवास, झारखंड मुख्यमंत्री मइयां सम्मान योजना, विधवा पेंशन योजना का लाभ देने के लिए तत्काल आवेदन जमा किया गया। बीडीओ ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनते ही पेंशन योजना के लिए आवेदन भर दिया जायेगा। वहीं बीडीओ द्वारा मृतक की छह माह की गर्भवती पत्नी को आंगनबाड़ी से मिलने वाली सभी सुविधाओं से आच्छादित करने का निर्देश संबंधित सेविका और साहियिका को दिया।उन्होंने कहा की पूरा प्रखंड और जिला प्रशासन परिवार के साथ है। किसी भी प्रकार की कोई समस्या होने पर वो उनसे मिल सकते हैं।
मौके पर प्रखंड कल्याण पदाधिकारी अमित आशीष डुंगडुंग, अंचल कर्मचारी उमेश ठाकुर, अभय जॉन केरकेट्टा, श्रम विभाग के आलोक कुमार उपस्थित थे।