द फॉलोअप डेस्क, रांची
सिर्फ 400 रुपए वृद्धा पेंशन देने से होगा, दस साल पहले साइकिल बांटने से होगा। पूरे बिहार को इस आदमी ने मजदूर-अनपढ़ बना दिया है। ये लोग चाहते हैं कि समाज ऐसे ही रहे, समाज ऐसे ही रहेगा तभी न लोग नौवीं पास को अपना नेता मानेंगे। ये बातें प्रशांत किशोर ने अपने 269वें पद यात्रा के दौरान कहा. उन्होंने कहा बिहार में जो आदमी शर्ट के ऊपर गंजी पहन लेता है। लोग उसी को जमीनी नेता मानते हैं। चाहे उसे भाषा, विषय का ज्ञान हो या न हो। बिहार में कोई पढ़ा-लिखा और सेंसेबल बातें करने वाला आ जाए, तो लोग कहते हैं कि ये बिहार में नहीं चलेगा। इसलिए हम लोगों की ये दुर्दशा है।
पदयात्रा कर लोगों को वोट की ताकत का दिला रहे हैं एहसास
समस्तीपुर के कल्याणपुर में जन संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार देश में कहां नहीं है, नेता कहां झूठ नहीं बोलते हैं। लेकिन, किसी राज्य में इतनी भयावह स्थिति नहीं है, जितनी बिहार में है। कोई तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात से आकर बिहार में नौकरी नहीं कर रहा है। आपके हमारे बच्चे ट्रेन, बस में रोज जानवरों की तरह बैठकर मजदूरी करने जा रहे हैं। हम लोगों की यही दुर्दशा है, बावजूद इसके हम खुद को अच्छा बताते हैं। आजादी के बाद बिहार की गिनती देश के 5 अच्छे राज्यों में होती थी, आज 28वें नंबर पर बिहार है। बता दें कि प्रशांत किशोर 269 दिनों से बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। सोमवार को वे भागीरथपुर में थे। प्रशांत किशोर पैदल चल कर लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिला रहे हैं। बीते दिनों में प्रशांत किशोर 2500 किलोमीटर से अधिक पदयात्रा कर 3500 से अधिक गांवों में जा चुके हैं।
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