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झारखंड में बनेगी नई भूमि नीति, लैंड रिफॉर्म्स एक्ट होगा आधार; सीएम ने दिए निर्देश

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में जबरन भूमि कब्जे मामले के निपटरे के लिए नई नीति निर्धारित होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लैंड रिफॉर्म्स एक्ट 1950 के तहत नई भूमि नीति तैयार करने का निर्देश दिया है। जिसके बाद भू-राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग तैयारियों में जुट गई है। साथ ही इसके लिए बिहार, तमिलनाडु. छत्तीसगढ़, ओडिशा,प.बंगाल और आंध्र प्रदेश से नीति मंगवाई गई है।


टीम का गठन किया गया 
बता दें कि इस नीति को बनने के लिए एक टीम का गठन कर दिया गया है। इसमें भू-राजस्व, भूमि सुधार विभाग के संयुक्त सचिव संदीप कुमार, संयुक्त निबंधन महानिरीक्षक शहाब सिद्धिकी, वित्त विभाग के संयुक्त सचिव, अवर सचिव राजस्व भूमि सुधार विभाग शंभु कुमार सिंह को सदस्य बनाया गया है।  समिति रिपोर्ट तैयार करने के दौरान अन्य राज्यों से मंगवाए गए नीति अधिनियम, नियम परिपत्र का अध्ययन भी करेगी। अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों के किसी राज्य के भ्रमण कर अध्ययन की भी सहमति दी गयी है। राज्य में भूमि संरक्षण के लिए फिलहाल सीएनटी एक्ट व संथालपरगना टेनेंसी एक्ट लागू है।


इन बिंदुओं पर मुख्य रूप से विचार

  • समिति द्वारा गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैशर ए हिंद भूमि के संबंध में अपना बात रखेंगे। इनमें किन मामलों में बिहार लैंड रिफॉर्म एक्ट 1950 की धारा 4 बी के तहत एनुयूलेंट ऑफ ट्रांसफर किया जायेगा।
  •  अवैध जमाबंदी, लगान निर्धारण से संबंधित अन्य मामले जो बिहार लैंड रिफॉर्म्स एक्ट 1950 की धारा चार एच के प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आते उनमें जमाबंदी रद्द करने की क्या प्रक्रिया होगी।
  •  गैर मजरूआ खास भूमि के किसी भूखंड को किस आधार पर नेशनल जेनरिक डीड रजिस्ट्रेशन सिस्टम एनजीडीआरएस में प्रतिबंधित सूची से बाहर किया जायेगा।
  •  गैर मजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैशर-ए-हिंद भूमि एवं उसपर अवस्थित संरचना के संबंध में किस परिस्थिति में भू-अर्जन के समय निजी व्यक्ति को मुआवजे का भुगतान किया जाये।

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