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Budget Session 2022 : हाथी उड़ाती रही पिछली सरकार, राज्य का खजाना खाली कर दिया: मिथिलेश ठाकुर

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रांची: 
विधानसभा से बुधवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए 4054 करोड़ रुपये का अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हुआ। इस दौरान विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया। विपक्ष के कटौती प्रस्ताव का जवाब देते हुए पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि पिछली सरकार 5 वर्षों तक हाथी उड़ाती रही और राज्य का खजाना को खाली कर दिया। विपक्ष पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग में हिम्मत है तो सरकार का जवाब सुनिए, आप लोगों को पानी पानी कर देंगे। 

बिना केंद्र के सहयोग के राज्य का विकास संभव नहीं! 
मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि ऐसा पानी-पानी करेंगे कि बोलने लायक नहीं रहिएगा। कहा कि मैं इस बात को स्वीकार करता हूं कि बिना केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार विकास का कार्य नहीं कर सकती लेकिन यह भी सच है कि विकास योजनाओं में राज्य की भी समुचित भागीदारी रहती है। जल जीवन मिशन में 50 प्रतिशत केंद्र की राशि रहती है और 50 प्रतिशत राज्य सरकार की।

उन्होंने कहा कि मार्च लूट का अनुभव बीजेपी को है। हमारी सरकार में मार्च लूट नहीं होता बल्कि जितनी राशि खर्च होती है हम उसका हिसाब ईमानदारी से सदन पटल पर रखते हैं।

 

पूर्व की सरकार की गलतियों का खामियाजा भुगता! 
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में प्रावधान के अनुरूप खर्च नहीं हो सका इसकी वजह पूर्व की सरकार की गलत नीति थी। उस समय विभाग में कोई योजना ही नहीं बनाई गई थी। कहा कि 34 लाख 60 हजार परिवार को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल देने के लिए 18125 करोड़ रुपये का ङी पी आर स्वीकृत हो गयी है।

59 लाख 23 हजार घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचने का लक्ष्य है। संथाल परगना के 20 प्रखंडों में गंगा नदी से शुद्ध पेयजल पहुचने की व्यवस्था की जा रही है। सभी जिले में जल जांच प्रयोगशाला का अधिष्ठापन किया जाएगा। 

अनंत ओझा ने रखा बजट में कटौती का प्रस्ताव 
इससे पहले बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव रखा। कहा कि 2021-22 का विभागीय बजट 3176.83 करोड़ का, पर खर्च 781 करोड़ ही खर्च हो सका है। अब 2022-23 मे 4054.40 करोड़ बजट लाया गया है। अनंत ओझा ने कहा है कि विभाग में से कई अधिकारी ऐसे है जो भ्रष्टाचार से लिप्त हैं।

इसमें डोरंडा में कार्यरत रघुनंदन शर्मा है। उन्होनें कहा कि केंद्र सरकार नल जल योजना चला रही है। राज्य सरकार की तरफ से राज्य के लोगों को कैसे शुद्ध पेय जल मिले इसको लेकर कोई योजना नहीं है।