रांची
मंत्री दीपक बिरुआ ने सोहराई, कोहबर और जादोपाटिया कला प्रदर्शनी का उद्घाटन आज किया। मौके पर कहा कि कला-संस्कृति हमारी पहचान रही है। हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को लेकर हमेशा संवेदनशील रहे हैं। झारखंड की आदिवासी कला और संस्कृति को और ज्यादा समृद्ध बनाने की जरूरत है। बता दें कि मंत्री बिरुआ ने बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में आयोजित होनेवाले विश्व आदिवासी दिवस महोत्सव के तहत झारखंड की चित्रकला शैली पर कार्यशाला सह प्रदर्शनी का आज उद्घाटन किया। बिरुआ ने कार्यशाला सह प्रदर्शनी का उद्घाटन नगाड़ा बजाकर किया। उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी महोत्सव के मौके पर राज्य की आदिवासी संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा, ताकि विश्व को झारखंड के आदिवासी समुदाय की संस्कृति से परिचित कराया जा सके।
मौके पर विभागीय सचिव कृपानंद झा ने कहा कि इस आयोजन में नृत्य, गीत की परंपरा का भी प्रदर्शन होगा और पूरे देश की आदिवासी संस्कृति का समागम देखने को मिलेगा। कहा, हमें झारखंड की परंपरागत कला और संस्कृति को समृद्ध बनाने के लिए भी काम करना है। बताया कि चित्रकला प्रदर्शनी में कुल 57 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
कल्याण आयुक्त अजयनाथ झा ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस महोत्सव में झारखंड की आदिवासी संस्कृति को उकेरा जाएगा। चित्रकला के लिए महोत्सव में एक बड़ा कैनवास लगाया जा रहा है, जिसपर आदिवासी संस्कृति से जुड़ी भावनाओं को महोत्सव में आने वाले लोग उकेर सकेंगे। इस अवसर पर टीआरआई की नमिता रानी टूटी सहित कल्याण विभाग के कई पदाधिकारी और कलाकार उपस्थित थे।