रांची
पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता की अध्यक्षता में झारखंड विस्थापित संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। बैठक सोमवार को रांची स्थित सीपीआई कार्यालय में आयोजित हुई। इस बैठक में अडानी इंटरप्राइजेज को गोंदलपुरा कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द करने, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा 23 लाख हेक्टेयर जमीन को लैंड बैंक में अधिकृत करने के आदेश को रद्द करने, गैर मजरूआ जमीन की रसीद काटने और जमीन के अधिग्रहण करने पर रैयत की तरह मान्यता देकर मुआवजा एवं अन्य सुविधा देने पर विचार विमर्श हुआ। भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा 23 लाख हेक्टेयर जमीन लैंड बैंक में जमा कराया गया है, जिसमें आधे से अधिक जमीन पर गरीब दलित आदिवासियों का कब्जा है। इस पर घर बना हुआ है और यही जीविका का साधन है। लेकिन अभी तक मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोई पहल नहीं की है।
कहा कि हजारीबाग जिले के गोंदलपुरा कोल ब्लॉक का आवंटन अडानी एंटरप्राइजेज को दिया गया है। इसे रद्द करने के सवाल पर 12 अप्रैल 2023 से पांच गांव के किसान धरना पर बैठे हैं। लगभग 17 महीना हो चुका है अभी तक राज्य सरकार ने ध्यान नहीं दिया। उल्टे किसानों को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के पदाधिकारी अडानी को सहयोग कर रहे हैं। इसी प्रकार चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के इचाक खुर्द में 22 अप्रैल 2023 से किस गैर मजरूवा जमीन का भुगतान, जिस पर घर बना हुआ है खेत बना हुआ है 80 से 90 साल से किसानों की दखल कब्जे में है। उसका मुआवजा का भुगतान करने के लिए धरना पर बैठे हैं।
मेहता ने आगे का, इस आंदोलन को भी 16 महीने से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। इन बातों को लेकर आज के बैठक में तय हुआ कि दोनों आंदोलन पर अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो इस आंदोलन को पूरे झारखंड के पैमाने पर ले जाया जाएगा। इन विषयों को लेकर के अक्टूबर महीने में रांची में एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, आगे की आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। इसमें निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में किसान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष केडी सिंह, सीपीआई के झारखंड राज्य सचिव महेंद्र पाठक, सीपीआई कार्यकारी सदस्य अजय कुमार सिंह, झारखंड विस्थापित संघर्ष मोर्चा के महासचिव वासवी कीड़ो, झारखंड किसान सभा के महासचिव पुष्कर महतो, छात्र के आंदोलनकारी अर्जुन कुमार, गेंदों राणा, मोती दांगी, गणेश दांगी, गणेश पासवान सहित कई अन्य मौजूद थे।