सिमडेगा:
अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान श्रीराम के जहां-जहां पग पड़े, उन जगहों से होकर श्रीराम वनगमन पथ काव्य यात्रा निकाली जा रही है। सोमवार को यह यात्रा सिमडेगा पहुंची, जहां जिला वासियों ने कई जगहों पर इस काव्य यात्रा का भव्य रूप से स्वागत किया। इस दौरान यात्रा के स्वागत के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
10 अप्रैल को होगा समापन
कहा जाता है कि अपने वनवास के दौरान भगवान श्री राम सिमडेगा के रामरेखा होते हुए तेलंगाना के भद्राचलम पहुंचे थे। इस वजह से यह काव्य यात्रा श्रीलंका से शुरू होकर भारत देश के अन्य जगहों से होते हुए सिमडेगा पहुंची है। इस काव्य यात्रा में संतो के द्वारा भगवान श्री राम की प्रतिमा और उनके पग चिन्ह के दर्शन करवाए जा रहे हैं। संतो ने बताया कि इस राम वन गमन पथ काव्य यात्रा का समापन आगामी 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन अयोध्या के मंदिर में किया जाएगा।
अयोध्या में होगा काव्य यात्रा का समापन
संत सत्य नारायण मौर्य ने बताया कि बीते एक मार्च महाशिवरात्रि के दिन श्रीलंका से शुरू हुई यह यात्रा 10 अप्रैल को रामनवमी के3 दिन अयोध्या पहुचेंगी। काव्य यात्रा के सिमडेगा रामरेखा पहुंचने से लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला और सैकड़ों की संख्या में लोग इकट्ठा होकर इस काव्य यात्रा का स्वागत किया। वहीं सोमवार को देर शहर के गांधी मैदान परिसर में काव्य पाठ का आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कवियों के द्वारा किया गया।
6100 किलोमीटर की काव्य यात्रा
काव्य यात्रा के संयोजक जगदीश मित्तल ने बताया कि करीब 6100 किलोमीटर की यह यात्रा जो सोमवार को सिमडेगा पहुँची है। उन्होंने बताया की इस काव्य यात्रा में 10 राष्ट्रीय कवि शामिल है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का है।